कथा की भव्य झांकी संगीतमई आयोजन के साथ सुंदर प्रस्तुति सुनने एवं देखने योग्य
सभी को किया आमंत्रित-◆
बिलासपुर/कोटा-{जनहित न्यूज़}बिलासपुर करगी रोड कोटा सार्वजनिक भागवत कथा की भव्य झांकी संगीत में प्रोग्राम के साथ सुंदर प्रस्तुति सुनने एवं देखने योग्य आप भी आमंत्रित है कथा सुन अपना जीवन जीवन धन्य करें। पूज्या श्री शीघ्रता त्रिपाठी जी के सानिध्य में चल रही। श्रीमद् भागवत कथा की तृतीय दिवस की कुछ झलकियां कथा के माध्यम से आज के सूत्र संबंधों को संभालना भी जीवन की एक बहुत बड़ी कला है। चाँद पर तो पहुँच गया पर भाई के घर तक नहीं पहुँच सका। हम अन्तरिक्ष में उड़ना सीख गए, समुद्र में तैरना सीख गए मगर जमीन पर रहना भूल गए। हमने इमारतें बड़ी बना लीं पर दिल छोटा कर लिया। हमने रास्ते चौड़े कर लिए पर देखने का नजरिया छोटा कर लिया। हमने साधन कई गुना बढ़ा लिए पर अपना मुल्य कम कर लिया। हमने ज्यादा बोलना सीख लिया पर प्रिय बोलना छोड़ दिया।
हमारे पास विचार तो बहुत आ गए पर आचार (आचरण) चला गया। 21वीं सदी में प्रगति के साथ हमारी दुर्गति भी बहुत हुई है। हम धरती के लोग हैं, हमारा स्वर्ग यहीं है और जीते जी है। नित्य भगवद चिंतन और भगवदाश्रय करके इस मानव जीवन को आनंदमय बनायें। प्रभु परायणता जीवन में हमें संबंधों के प्रति हमारे कर्तव्यों का बोध भी कराती है। जीवन में केवल चिंता करने मात्र से कठिनाइयाँ हल नहीं हो जाती हैं। चिन्ता हमारे चिंतन की क्षमता को अवरुद्ध कर देती है और यही अवरोध तो हमारे दुखों का मूल कारण है। चिन्ताग्रस्त व्यक्ति एक बार नहीं अनेक बार मरता है। वह एक बार नहीं आजीवन चिंता की अग्नि में जलता रहता है।
चिंता का एक सबसे बड़ा दुष्प्रभाव ये भी है कि चिंता करने से आने वाली समस्या का हल तो नहीं होता है मगर वर्तमान की शांति जरूर भंग हो जाती है। चिंताग्रस्त मस्तिष्क गेंहूँ के उस दाने के समान ही होता है जो बाहर से साबुत दिखते हुए भी अंदर से खोखला हो जाता है।
किसी भी समस्या के आ जाने पर उसके समाधान के लिए विवेकपूर्ण निर्णय ही चिन्तन है। चिन्तनशील व्यक्ति के लिए कोई न कोई मार्ग अवश्य मिल भी जाता है। उसके पास विवेक है और वह समस्या के आगे से हटता नहीं अपितु डटता है।
समस्या के आगे डटना यानी समस्या का डटकर मुकाबला करना आधी सफलता प्राप्त कर लेना ही है। विवेकी बनें समस्या के ताले खुल ही जायेंगे कथा स्थल करगी रोड कोटा वेंकट लाल के प्रांगण में सार्वजनिक कथा में आप सादर आमंत्रित है कथा का लाभ अवश्य ले।
इस कथा का सीधा प्रसारण पूज्या शीघ्रता त्रिपाठी जी के यूट्यूब चैनल पर किया जा रहा है…
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