जल्द ही लिया जाएगा निर्णय
फैसला लेने की जिम्मेदारी जिला प्रशासन की
19-सितंबर,2020
बिलासपुर-{जनहित न्यूज़}बिलासपुर- रायपुर, कोरोना नियंत्रण के लिए विभिन्न जिलों में लॉकडाउन के फैसले के लिए बनाई गई पॉलिसी अलग-अलग होने से प्रदेश में कोरोना नियंत्रित नहीं हो पा रहा है। मुंगेली जैसे जिले में जहां कुल 922 कोरोना केस सामने आने के बाद नियंत्रण के लिए दुकानें तथा अन्य व्यवसायिक प्रतिष्ठान बंद करा दिए गए हैं। वहीं रायपुर जिले में रोज एक हजार पॉजिटिव मिलने के बाद भी इस पर विचार किया जा रहा है। यहां अब तक 25 हजार से ज्यादा संक्रमित मिल चुके हैं, जबकि प्रदेश के नौ जिले ऐसे हैं, जहां अब तक कोरोना संक्रमण का मामला हजार तक भी नहीं पहुंचा है।
सूत्रों के अनुसार सरकार रायपुर और बिलासपुर में कंटेंनमेंट जोन बनाकर सख्ती बंद करने पर विचार कर रही है। रायपुर कलेक्टर ने इसकी पुषि्ट की है कि लॉकडाउन को लेकर सबसे विचार के बाद निर्णय होगा कोरोना नियंत्रण के विभिन्न तरह के फैसले लेने की जिम्मेदारी जिला प्रशासन को दे दी गई है, मगर इसके बाद भी कंट्रोल के लिए उपाय कारगर होते नजर नहीं आ रहे हैं। जिला प्रशासन अपने स्तर पर व्यापारिक प्रतिष्ठानों की सहमति के बाद बंद के लिए फैसले ले रहा है, मगर रायपुर जिले में इसे लेकर आम सहमति का अभाव नजर आ रहा है।
राजनांदगांव जिले में कोरोना केस बढ़ने के बाद वहां पहले ही एक सप्ताह के लिए व्यापारिक प्रतिष्ठान बंद किए जा चुके हैं। बेमेतरा जिले में 20 सितंबर तक बंद रखा गया है। मुंगेली में 17 सिंतबर से 23 सितंबर तक दुकानें तथा बाजार क्लोज किया गया है और दुर्ग जिले में 20 से 30 सितंबर यानी 10 दिनों के लिए दुकान, बाजार बंद रखने और अति आवश्यक सेवा को कुछ घंटे के लिए बहाल करने का फैसला लिया गया है। इस बंद का उद्देश्य कोरोना की चेन को तोड़ना है, ताकि इस दौरान कोरोना का वायरस संक्रमण के लिए नया शरीर न खोज सके, मगर रायपुर जिले में ऐसा नहीं हो पा रहा है और यहां रोज जितने संक्रमित सामने आ रहे हैं, उतने कुल संक्रमित तो बेमेतरा, मुंगेली, गरियाबंद, गौरेला-पेंड्रा-मरवाही, बलरामपुर, जशपुर, कोंडागांव, दंतेवाड़ा और नारायणपुर में नहीं मिले हैं।