ठगी के आरोपी दो युवक गिरफ्तार!
02-Sep, 2020
बिलासपुर-[जनहित न्यूज़] पुलिस साइबर ठगों के खिलाफ बड़ा अभियान चला रही है। इसी दौरान सकरी पुलिस ने लकी ड्रॉ का झांसा देकर ठगी करने वाले ऐसे ही दो ठगों को पकड़कर लाखों रुपए बरामद किए हैं । लकी ड्रॉ में महिंद्रा एक्सयूवी 500 देने का झांसा देकर पढ़े-लिखे सीनियर साइंटिस्ट को भी शीशे में उतारने वाले नवादा बिहार के इन आरोपियों को पुलिस ने धर दबोचा।
बिलासपुर के उसलापुर गैलेक्सी अपार्टमेंट में रहने वाले रिटायर्ड डीआरडीओ के वरिष्ठ वैज्ञानिक सी एम पटेल के फोन नंबर पर 27 जुलाई को एक फोन आया था, जिसमें उन्हें बताया गया कि लकी ड्रॉ में उनका इनाम निकला है। इनाम के तौर पर महिंद्रा XUV500 कार उन्हें देने की बात की गई। जिसकी कीमत 14.50 लाख बताई गई। उन्हें झांसा देते हुए यह भी कहा गया कि वे या तो कार ले ले या फिर वे कार की रकम भी ले सकते हैं। इन ठगों के झांसे में आकर साइंटिस्ट सीएल पटेल ने अपने उम्र का तकाजा देते हुए नगद रकम लेने की मंशा जाहिर की। हमेशा की तरह ठगो ने इसके लिए उन्हें रजिस्ट्रेशन शुल्क के नाम पर साढे तीन हज़ार रुपये ऑनलाइन ट्रांसफर करने को कहा। बातचीत के दौरान ठगो ने उनसे इंटरनेट बैंकिंग का यूजर आईडी और पासवर्ड हासिल कर लिया।
जिसके बाद उनके खाते से अलग-अलग किस्तों में 14लाख 50हज़ार 994 रुपए ऑनलाइन बैंकिंग के माध्यम से अलग-अलग खातों में ट्रांसफर कर लिए गए। इस दौरान ठग उन्हें भरोसा दिलाते रहे कि भूलवश उनसे ऐसा हो गया है और जल्द ही उनकी रकम उन्हें वापस ट्रांसफर कर दी जाएगी, लेकिन जब ऐसा नहीं हुआ तो सीएल पटेल को अपने ठगे जाने का एहसास हुआ और उन्होंने इसकी शिकायत सकरी थाने में की। अक्सर ऐसे मामलों के तार अन्य राज्यों से जुड़े होने के कारण पुलिस के लिए भी ऐसे मामलों में अधिक कुछ करना संभव नहीं होता। फिर भी नगर पुलिस अधीक्षक निमेष बरैया के नेतृत्व में एक टीम बनाई गई और ठगों की तलाश शुरू की गई। पता चला कि ठगों ने सीएल पटेल के बैंक खाते का यूजर आईडी और पासवर्ड हासिल करने के बाद बैंक खाते से लिंक मोबाइल नंबर को बदल कर और ब्रांच कोड परिवर्तित कर अलग-अलग खातों और पेटीएम वॉलेट से रकम निकाली थी। जांच में यह भी पता चला कि यह नंबर कोलकाता और पश्चिम बंगाल सर्कल के थे, जिनका लोकेशन नवादा के वारिसअली गंज थाना बलवापार, चकवाई और कान्हा गांव था ।सारी जानकारियां इकट्ठा करने के बाद आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए एक टीम को रवाना किया गया बिहार पहुंचकर पुलिस की टीम ने सबसे पहले आरोपियों की पहचान की और उसके बाद स्थानीय पुलिस के साथ मिलकर घेराबंदी करते हुए गौतम कुमार और नीरज कुमार को धर दबोचा। उन्होंने बताया कि उन्होंने ही अपने साथियों के साथ मिलकर इस पूरे घटनाक्रम को अंजाम दिया था। पुलिस को जानकारी मिली कि यह लोग स्नैपडील ,फ्लिपकार्ट अमेजॉन शॉपक्लूज बिग बाजार जैसे ऑनलाइन शॉपिंग साइट से लोगों का नाम, पता, मोबाइल नंबर डिलीवरी डेस्टिनेशन आदि की जानकारी इकट्ठा कर उन्हें लकी ड्रा में पुरस्कार के रुप में कार या ऐसा ही कोई बड़ा उपहार देने का झांसा देकर उनसे बैंक संबंधी जानकारी हासिल कर लेते हैं । पुलिस के हाथ मुख्य आरोपी जरूर लग गए लेकिन उनके कई साथी भागने में कामयाब हुए ।बिलासपुर से गई पुलिस ने वारिस अलीगंज नवादा बिहार में रहने वाले गौतम कुमार प्रसाद और नीरज कुमार को गिरफ्तार कर लिया जिनके पास से दो लैपटॉप, 21 मोबाइल, 8 पास बुक, 6 डेबिट कार्ड, चेक बुक, कई आधार कार्ड ,मतदाता परिचय पत्र, मेमोरी कार्ड, पेन ड्राइव के साथ 5 लाख 36 हज़ार 405 रु भी बरामद हुए। हैरानी इस बात की है की अनपढ़ और कम पढ़े6 लिखे लोग ही नहीं बल्कि अच्छे खासे समझदार और पढ़े लिखे लोग भी इन ठगों के झांसे में आकर जिंदगी भर की कमाई लुटा देते हैं। वैसे भी ठगों का सबसे बड़ा हथियार हमारा लालच ही है। जिस तरह मछली के शिकार के लिए चारा का इस्तेमाल किया जाता है, इसी तरह ठग अपने शिकार को लालच देकर फंसाते हैं । अगर आप इस लालच से खुद को बचा सके तो यकीन मानिए अपने बैंक खाते में जमा रकम को भी बचा ही लेंगे । साइबर मितान यही बात इस सप्ताह लोगों को समझा रहे हैं । उनके लिए भी यह मामला भी एक बड़ा उदाहरण साबित होगा। देश भर में इस तरह से लोगों को ठगने वाले अधिकांश आरोपी या तो बिहार से या फिर झारखंड से होते हैं। इनके उस क्षेत्र में पनपने के पीछे भी स्थानीय पुलिस की भूमिका होती है। रिश्वतखोर पुलिस इन्हें पूरा संरक्षण देती है। इस मामले में भी पता चला कि पकड़े गए आरोपी हर महीने पुलिस को ₹50,000 पहुंचाते थे और फिर बेधड़क होकर इस तरह से लोगों के खाते से रकम उड़ाने के बाद भी कभी पकड़े नहीं जाते थे। हैरानी इस बात की है कि ऐसे लोग जब भी पकड़े जाते हैं तो उन्हें अन्य राज्यों की पुलिस पकड़ती है। स्थानीय पुलिस ने कभी भी इन्हें नहीं पकड़ा ,जैसे यह उनके लिए कोई धरोहर हो। इस बार भी बिलासपुर पुलिस ने 5 दिन के सफर के बाद दो आरोपियों को धर दबोचा।