26 अक्टूबर 2024
बिलासपुर/सीपत-[जनहित न्यूज़] सूफी-संत हुजूर बाबा सैय्यद इंसान अली शाह रहमतुल्लाह अलैह के 66 वें सालाना उर्स पाक का समापन शुक्रवार को कुल की फातेहा के साथ हो गया। छह दिनों तक चले इस सालाना उर्स में तकरीर (प्रवचन), मुशायरा, कव्वाली सहित दरगाह इंतेजामिया कमेटी द्वारा कई विविध कार्यक्रम आयोजित किए गए। उर्स के छठवें और अंतिम दिन सुबह 8 बजे दारुल उलूम फैजाने बाबा सैय्यद इंसान अली शाह के विद्यार्थियों ने कुरान पढ़ी, मशहूर कव्वाल रईस अनीस साबरी ने रंग की महफ़िल में हजरत निजामुद्दीन औलिया और बाबा इंसान अली शाह की शान में शानदार कलाम पेश किया।
इसके बाद उत्तर प्रदेश के किछौछा शरीफ से आए धर्मगुरु सैय्यद मोहम्मद राशिद मक्की मियां साहब ने देश दुनिया में अमन चैन कायम रहने दुआ मांगी। धर्म गुरु की दुआ पर वहां हजारों की संख्या में उपस्थित सभी धर्म के मानने वाले जायरीनों ने अपने दोनों हाथों को आसमान की तरफ उठाकर आमीन की सदा बुलंद की। अंत मे दरगाह इंतेजामिया कमेटी ने उर्स के सफल आयोजन में सहयोग के लिए राजस्व विभाग,ग्राम पंचायत पुलिस विभाग,व्यापारी संघ,स्थानीय मुस्लिम समाज,लंगर व्यवस्था टीम वॉलेंटियर सहित सभी प्रत्यक्ष अप्रत्यक्ष रूप से सहयोग देने वालों का आभार व्यक्त किया।
सालाना उर्स को सफल बनाने में इंतेजामिया कमेटी के चेयरमैन इरशाद अली, उपाध्यक्ष मोहम्मद सिराज, सेक्रेटरी रियाज़ अशरफी,नायब सेक्रेटरी हाजी गुलाम रसूल साबरी, खजांची रौशन खान,लंगर इंचार्ज मोहम्मद कुद्दुश, सदस्यगढ़ मोहम्मद जुबेर महमूद, फिरोज खान,महबूब खान, हाजी अब्दुल रहीम सहित पुलिस विभाग, मुस्लिम जमात, ग्राम पंचायत के अलावा प्रशासन का विशेष सहयोग रहा।
:-कुल का छींटा लेने हजारो लोग पहुंचे-:
उर्स के अंतिम दिन फातेहा के बाद कमेटी ने गुलाब जल से कुल का छींटा देने चार बड़े कम्प्रेशर मशीन की व्यवस्था की थी। जिससे वहां उपस्थित हजारो लोगो को कुल का छींटा दिया गया। मान्यता है कि कुल का छींटा लेने से कई तरह की बीमारियां दूर हो जाती है। यही कारण है कि इस दौरान हजारो की भीड़ में देश के कोने कोने से जायरीन कुल की फातेहा में शामिल होते है।
जुम्मा होने के कारण हजारों ने पढ़ी एक साथ नमाज, ईदगाह जैसा दिखाई दिया नजारा
उर्स का अंतिम दिन शुक्रवार का दिन था। इस दिन यहां नमाज पढ़ाने के लिए खासतौर पर उत्तरप्रदेश से आए धर्म गुरु सैय्यद मोहम्मद राशिद मक्की मियां मौजूद थे जिसकी वजह से यहां प्रदेश भर से हजारो की बड़ी संख्या में लुतरा शरीफ पहुंचकर जायरीनों ने एक साथ जुम्मे की नमाज अदा की। इंतेजामिया कमेटी लूतरा शरीफ ने मौके की नजाकत को देखते हुए पूर्व से ही नमाजियों के लिए बेहतर व्यवस्था कर रखी थी। पूरी मस्जिद,दरगाह परिसर,छत लंगरखाना जाने वाला मार्ग, पैक होने के कारण दरगाह के सामने मुख्य सड़क में भी नमाजियों के लिए व्यवस्था की गई थी ताकि उन्हें नमाज पढ़ने में किसी तरह की कोई परेशानी ना हो।
“एक रोटी कम खाओ, लेकिन बच्चों को खूब पढ़ाओ” कार्यक्रम को खूब सराहना मिली
दरगाह इंतेजामिया कमेटी ने इस वर्ष के सालाना उर्स में कई रचनात्मक कार्यक्रम चलाए जिनमें से एक कार्यक्रम ” एक रोटी कम खाओ, लेकिन बच्चों को ख़ूब पढ़ाओ” था इस कार्यक्रम के तहत कमेटी ने शिक्षा को बढ़ावा देने के उद्देश्य से उर्स में आये 12 वर्ष तक के हजारों बच्चों के बीच रोजाना अलग अलग अतिथियों के हाथों से निःशुल्क कॉपी,पेन की किट का वितरण कराया गया। कमेटी के इस कार्यक्रम को लोगो से खूब सराहना मिल रही है।
झूला और मीना बाजार ने लोगों को खूब लुभाया
उर्स के मेले में बड़ी संख्या में छोटी-बड़ी दुकान के साथ मीना बाज़ार भी सजा हुआ था। जायरीनों ने दरगाह में दर्शन करने के बाद अपनी जरूरत के सामानो की खूब खरीदी की। मेले में विभिन्न किस्म के अलग-अलग झूले लगे थे लोगो ने झूले का खूब आनंद उठाया।
वक्फ बोर्ड की टीम ने अध्यक्ष डॉ. राज के साथ दरगाह में चादर चढ़ाई छ.ग. राज्य वक्फ बोर्ड रायपुर के नवनिर्वाचित अध्यक्ष डॉ. सलीम राज के साथ बोर्ड के सदस्य सीनियर एडवोकेट सैय्यद फैसल रिजवी,पूर्व विधायक इमरान मेमन, मोहम्मद फिरोज खान, पूर्व अध्यक्ष सलाम रिजवी, पूर्व मदरसा बोर्ड अध्यक्ष यूनुस कुरैशी, रिजवान पटवा सहित बोर्ड के सीईओ एस. ए.फारुकी सहित अधिकारी, कर्मचारियों ने दरगाह पहुंचकर चादर चढ़ाई व प्रदेश में अमन और भाईचारे की दुआ मांगी।
इससे एक दिन पूर्व देर रात तक चले कव्वाली के मैदान में वक्फ बोर्ड की पूरी टीम को इंतेजामिया कमेटी ने निशान-ए-लुतरा से सम्मानित किया। इस दौरान अतिथियों सहित दूरदराज से आए श्रोता और श्रद्धालुओं ने पूरी रात कव्वाल रईस अनीस साबरी की कव्वाली का लुत्फ उठाया।
मदरसा के 7 बच्चों की हुई दस्तारबंदी
इंतेजामिया कमेटी द्वारा लुतरा शरीफ में संचालित मदरसा दारुल उलूम फैजाने इंसान अली शाह में अध्यनरत 7 बच्चों की दस्तारबंदी हुई जिनमे से 4 बच्चों ने कुरान को मुकम्मल बिना देखे याद किया और 3 बच्चों ने किरात के विषय को मुकम्मल किया। सभी साथ बच्चों को धर्मगुरु सैयद राशिद मक्की मियां साहब ने दस्तारबंदी की पगड़ी बांधी और कमेटी ने प्रमाण पत्र के साथ एजाज़-ए-लुतरा दिया। साथ ही उनको पढ़ाने वाले मदरसा के प्रिंसिपल हाफिज़ मोहम्मद रिजवान सलामी व शिक्षक मौलाना मोहम्मद इजराइल को भी सम्मानित किया गया।