सत्ता परिवर्तन से बदले वफादारों के मिजाज… स्वास्थ्य विभाग के सुपर सीएमओ ने भी बदला ठिकाना…!
02जनवरी 2024
बिलासपुर-{जनहित न्यूज़} बिलासपुर प्रदेश में सत्ता परिवर्तन के साथ ही ऊंची पहुंच के दिग्गजों का भी मोह भंग होने लगा है क्योंकि भूपेश सरकार के रहते जिन दिग्गजों को कांग्रेस की सत्ता में सुपर हीरो कहा जाता था वही आज {थे पुराने} अब नए भैया की दरबार में लाइन लगाए हुए भैया से मिलने का इंतजार कर रहे हैं यह समीकरण ना तो अनोखा है और ना ही नया राजनीति की दुनिया में यह कोई अजूबा और नया काम नहीं है परंतु जनता के सेवक कहलाने वाले और जनता के हितेषी इस तरह यदि एक नए सूर्योदय को प्रणाम करते हैं तो क्या जनता भी इन सब चीजों को नही समझती …?
ऐसा बिल्कुल भी नहीं है आप कितना भी अपना समीकरण उगते सूरज की तरफ लगा ले लेकिन जनता सब जानती है।
अब रही बात हम किसकी और क्यों कर रहे हैं यह तो परिस्थितियों उजागर कर ही रही है और सत्ता परिवर्तन के बाद पलटने वाले लोगों को भी बेहतर रूप से देख पा रही है क्योंकि एक समय में जो लोग पूर्व भैया की डेहरी पर रोज दस्तक देते थे वही आज नए भैया से मिलने के लिए उत्सुक नजर आए आज यह गजब नजार देखने को मिला यहां एक बात बताना बेहद जरूरी बन जाता है कि यही नजारा कल भी उपमुख्यमंत्री अरुण साव के मिलन समारोह में भी देखा गया…यह कैसी राजनीति…?
जनता के हितों की बात करने वाले आज उसके कल उसके हैं फिर कल किसी और के… लेकिन यह सत्ता का लोभ नहीं है यह कुर्सी और अपने वर्चस्व को बचाने का लोभ है।
आखिर इनके लोभ और स्वाभिमान का अंतर कहां और कैसे किया जाए ये बड़ा सोचनीय विषय है,
ऐसी मानसिकता वाले लोगों को बिलासपुर की जनता आज तक झेल रही है ये विडंबना है।
अब भैया को भी यह समझना चाहिए की दूसरे मोहल्ले का एक सज्जन आज आपके मोहल्ले में विचरण कर रहा है आखिर इसका कारण क्या इसमें तो जनता का हित नहीं लगता इसमें तो सिर्फ अपने स्वार्थ की चिंता लगती है, यह बहुत शर्मनाक है और अब भैया को यह बहुत बेहतर समझ लेना चाहिए की वह कल तक गलियारों में जो उनका दंभ भरते थे आज वही आपके दामन में आने के लिए विचलित क्यों…?
बीजेपी की साय सरकार आने के बाद फिजा में भारी बदलाव आने लगा है। जो कभी भाजपाइयों को देखना पसंद नहीं करते थे वही अब पूर्व मंत्री और विधायक के बंगले में उनके समर्थकों के कानों में गुदगुदाते नजर आ रहे हैं। आलम ऐसा है कि बीजेपी नेताओं के बंगलो की शान बढ़ाई जा रही है क्या विपक्ष का नेता और क्या सरकारी मुलाजिम…
कहावत भी है कि ऊगते सूरज को सभी प्रणाम करते हैं और ठीक भी है,लेकिन इंसान वही जो डूबते का भी साथ न छोडे… परन्तु इस स्वार्थ से भरी दुनियां में अवसर वादी लोगों की कमी नही है।
राज्य में बीजेपी की सरकार आते ही ऐसे लोगों का चेहरा पूर्व मंत्री और विधायक के बंगले में अब नजर आने लगा है,कभी कांग्रेस के पूर्व विधायक के इर्द गिर्द घूमने वाले स्वास्थ्य विभाग के सुपर सीएमओ भी इसी राह पर चल पड़े हैं। जो कभी पूर्व नगर विधायक का दामन का सिंगार बने रहे वो आज भैया समर्थकों के साथ देखे जा रहे हैं।
नगर के नए भईया के सामने हाथ जोड़े खड़े हैं समर्थको के कानों में में अपनी उपस्तिथि दर्ज करा रहे हैं। कांग्रेस राज मे जब सुपर सीएमओ की पदवी मिलने से चर्चित हुए उस समय जलवा कम नहीं रहा सत्ताधारी पार्टी के पूर्व विधायक से मेल जोल ऐसा बढ़ाया मानो उससे बढ़ा उनका कोई हमदर्द नही है। स्वास्थ विभाग की ऐसी दवा खिलाई कि पुराने भईया चारो खाने चित्त… अब नगर के नए भईया के यहाँ अपनी सुपरगिरी बरकरार रखने दरबारी बन रहे है। सरकारी नौकरी में बने रहने के लिए पापड़ तो बेलने पड़ेंगे फिर माईबाप ही क्यों न बदलना पड़े …!
बीते दिनों से जिला अस्पताल की कुर्सी में दर्द सा महसूस होने लगा था सरकार बदलते ही दर्द के लिए एंटीबायोटिक लेने एक नई उम्मीद के साथ पहुंच गए पूर्व मंत्री नगर विधायक के दरबार अब क्या पता फिर से मलाई खाने का चांस मिल जाए।
इस मेल मुलाकात की कुछ तस्वीरें भी है लेकिन सरकारी मुलाजिम की तस्वीर बाहर आने से कुर्सी जाने का खतरा पैदा न हो जाए इसलिए हम कुरेज रखते है।
एक धमाका कल भी देखने को मिला काग्रेस के एक नेता सोमवार को डिप्टी सीएम से नजदीकियां बढ़ाते देखे गए। पहले किसी और को राय देते थे लेकिन अब अपनी डूबती नैया बचाने डिप्टी सीएम को राय राय देने उन्होंने भी अपनी बेवफाई का सबूत देने में कोई कोर-कसर नही छोड़ी। खैर अभी तो शुरुआत है आगे -आगे देखें होता क्या…?
हाँ ये भी सत्य उजागर है कि गुलाटी- पलटी मारने का हुनर इन महानुभावों को विरासत में मिला है।