लॉकडाउन के चलते मार्च से निचली कोर्ट में बंद थी सुनवाई!
17-नवम्बर,2020
बिलासपुर-[जनहित न्यूज़]
हाईकोर्ट सहित सभी कोर्ट में खुली सुनवाई शुरू, लॉकडाउन के कारण मार्च से बंद थी अदालतों में सुनवाई
बिलासपुर – हाईकोर्ट सहित प्रदेश की सभी अदालतों में फिर ‘ऑर्डर’, ‘ऑर्डर’ की आवाज सुनाई देने लगी है। कोरोना संक्रमण के चलते लगे लॉकडाउन के कारण मार्च से अदालतों में खुली सुनवाई बंद थी। हाईकोर्ट में मंगलवार सुबह 10 बजे से प्रत्यक्ष सुनवाई शुरू हुई। प्रत्येक बेंच सुने जाने वाले केस की संख्या खुद निर्धारित करेगी। उतने ही मामले लिए जाएंगे, जिनकी सुनवाई उसी दिन पूरी हो सके।
हाईकोर्ट में 3 डबल बेंच और 12 सिंगल बेंच बनाए गए हैं। चीफ जस्टिस पी.आर. रामचंद्र मेनन व जस्टिस पीपी साहू रिट याचिका व पीआईएल, बंदी प्रत्यक्षीकरण जैसे मामले सुनेंगे। जस्टिस प्रशांत मिश्रा व जस्टिस रजनी दुबे की डबल बेंच में सिविल, कंपनी और कमर्शियल मामले सुने जाएंगे। जस्टिस मनीन्द्र मोहन श्रीवास्तव व जस्टिस विमला सिंह कपूर की बेंच में आपराधिक प्रकरणों की सुनवाई होगी।
जहां कोर्ट की संख्या ज्यादा, वहां रोटेशन में खुलेंगी
बिलासपुर, रायपुर, दुर्ग और रायपुर जैसे शहरों में जहां अधीनस्थ न्यायालयों की संख्या अधिक है वहां रोटेशन के आधार पर कोर्ट खुलेगी। इन शहरों में सत्र न्यायालय और अतिरिक्त सत्र न्यायालय के अधिकतम 5 कोर्ट में रोटेशन पर काम होगा। न्यायिक मजिस्ट्रेट की अधिकतम 7 अदालतों में कार्रवाई होगी। शेष शहरों में भी अधिकतम संख्या इनसे अधिक नहीं होगी।
अभी तक वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से हो रही थी मामलों की सुनवाई
कोरोना संक्रमण को देखते हुए 24 मार्च को लागू लॉकडाउन के बाद प्रदेशभर में अदालतों का कामकाज ठप था। इस दौरान अत्यावश्यक मामलों की सुनवाई वीडियो कांफ्रेंस के जरिए हाईकोर्ट और सत्र न्यायालयों में की गई। कुछ दिन के लिए हाईकोर्ट में खुली सुनवाई का प्रयास हुआ, लेकिन हाईकोर्ट व महाधिवक्ता कार्यालय के स्टाफ में संक्रमित मामले सामने आने के बाद निर्णय वापस ले लिया गया।
हाईकोर्ट सहित सभी कोर्ट में करना होगा कोरोना गाइडलाइन का पालन
हाईकोर्ट सहित सभी न्यायालय में कोरोना गाइडलाइन का पालन किया जाएगा। किसी भी पक्षकार को अधिकतम दो वकीलों की अनुमति दी गई है। मास्क व सोशल डिस्टेंस के नियम के उल्लंघन पर कार्रवाई की जाएगी। जिला प्रशासन की ओर से कोविड-19 से बचाव के लिए जारी दिशा-निर्देशों का पालन किया जाएगा। अर्जेंट हियरिंग के लिए ज्यूडिशियल रजिस्ट्रार के पास आवेदन करना होगा।