28 अक्टूबर 2024
बिलासपुर-[जनहित न्यूज़] प्रदेश कांग्रेस कमेटी के निर्देश पर आज कांग्रेस भवन में शहर अध्यक्ष विजय पांडेय,ग्रामीण अध्यक्ष विजय केशरवानी ने प्रेस वार्ता की।
अध्यक्ष द्वय ने मांग की कि अब छत्तीसगढ़ भाजपा सरकार से संभल नही रही है, मुख्यमंत्री और गृह मंत्री को नैतिकता के आधार पर इस्तीफा देना चाहिए, छत्तीसगढ़ एक शांत और अमन चैन वाला राज्य है पर इन 9 माह में बलौदा बाजार, लोहारिडीह, सूरजपुर ,और अब बलरामपुर की घटना ने सरकार की कानून व्यवस्था और पुलिस की कार्यशैली की पोल खोल कर दिया है, गुरुचरण मण्डल की पुलिस अभिरक्षा में मौत होना कई शंकाओ को जन्म देता है आखिर पुलिस 4 दिनों तक बिना न्यायालय की अनुमति के कस्टडी में कैसे रखी ? मृतक के पास आत्महत्या के लिए टॉवेल कहाँ से आया ?
मृतक के शरीर का पंचनामा परिजनों के सामने क्यो नही हुआ? गुरुचरण मण्डल के समाज मे शव का दफनाने के बजाए जलाना क्यो चाहती थी ? गुरुचरण की मौत की सूचना उसके पिता को क्यो नही दी गई,जबकि बॉडी को थाने से अस्पताल ले जाया जा रहा था? अध्यक्ष द्वय ने कहा कि हमारी मांगे है।
गुरुचरण की मृत्यु की जांच उच्च न्यायलय के जज की निगरानी में कराया जाए। पुलिस अधीक्षक, एसडीओपी,टी आई कि भूमिका संदिग्ध है उन सभी के खिलाफ कार्यवाही हो।
मृतक की बॉडी का डॉक्टरों की टीम बनाकर
पुनः पोस्टमॉर्टम हो क्षतिपूर्ति के रूप में पीड़ित परिवार को एक करोड़ मुआवजा दिया जाए।
प्रदेश में बिगड़ती काननू व्यवस्था की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए मुख्यमंत्री और गृहमंत्री इस्तीफा दे।
अध्यक्ष द्वय ने कहा छत्तीसगढ़ में अपराध थम नही रहा है ,ये कौन लोग है जो 9 माह में इतने ताकतवर हो गए ?
ऐसी नकारी और निकम्मी सरकार को बर्खास्त कर राष्ट्रपति शासन लागू किया जाए।
पुलिस पर हमला होने का मतलब है जनता का पुलिस और शासन पर विश्वास नही रहा,
चारो घटनाये दुर्भाग्यपूर्ण है बलौदा बाजार में एसपी कार्यालय को आग के हवाले करना लोहारिडीह में पुलिस अभिरक्षा में प्रशांत साहू कक मृत्यु होना सूरजपुर में पुलिस परिवार की हत्या होना फिर बलरामपुर में पुलिस अभिरक्षा में गुरुचरण मण्डल की हत्या होना कहीं न कहीं पुलिस की कार्यशैली और शासन की प्रशासनिक क्षमता पर प्रश्नचिन्ह उठाता है?