दो पत्नी के बाद तीसरी से शादी का इकरारनाम तीन साल तक किया दैहिक शोषण…!
न्यायालय ने सुनाई आजीवन कारावास की सजा●●●
बिलासपुर-{जनहित न्यूज़} बिलासपुर छलपूर्वक पीड़िता से शादी का इकरारनामा कर आरोपी ने तीन साल तक दैहिक शोषण किया बाद में शादी से इंकार करते हुए आदिवासी पीड़िता को जान से मारने की धमकी दी, और तो और में दो पूर्व पत्नी को जब लगी खबर के बाद पीड़िता ने पुलिस थाना पहुंचकर अपराध दर्ज कराया। कोरबा स्थित अनुसूचित जाति और जनजाति विशेष कोर्ट ने सुनवाई कर अर्थदण्ड के साथ आरोपी को आजीवन कारावास की सजा मुकर्रर किया है। मामले में पुलिस कप्तान रजनेश सिंह ने विवेचना अधिकारी तत्कालीन सीएसईबी चौकी प्रभारी कृष्णा साहू को दिया सम्मान
मामला कोरबा का है। पीड़िता ने थाना पहुंचकर रिपोर्ट दर्ज कराई कि आरोपी ने शादी का झूठा इकरारनामा कर तीन साल से दैहिक शोषण किया है। जबकि इसने सच्चाई को छिपाते हुए ये नहीं बताया कि इसके पहले उसने दो शादियां की है। शादी का दबाव डालने पर आरोपी ने ना केवल शादी से इंकार कर दिया। लगातार मारपीट करना शुरू कर दिया। और जान से मारने की धमकी भी भी दी ।
पीड़िता ने रिपोर्ट में विस्तार से बताया कि आरोपी अशोक राजवाड़े से उसका प्रेम हुआ। लगातार मेल मिलाप के बाद आरोपी ने विवाह का प्रस्ताव दिया। कोरबा से बिलासपुर आकर नोटरी के माध्यम से शादी का इकरारनामा किया। अशोक राजवाड़े ने लगभग 3 साल तक लगातार शारीरिक शोषण किया। इसी बीच जानकारी मिली कि आरोपी पहले से ही शादीशुदा है। उसकी एक बेटी भी है। पहली पत्नी छोड़ने के बाद आरोपी ने एक अन्य महिला से भी विवाह किया..और छोड़ भी दिया है।
आरोपी को मिली आजीवन कारावास की सजा
शिकायत के बाद मामले में पुलिस चौकी सीएसईबी थाना कोतवाली कोरबा ने आरोपी अशोक राजवाड़े के खिलाफ आपीसी की धारा 376(2)(n),417, 294,506 (b) के तहत अपराध दर्ज किया। विवेचना के दौरान निरीक्षक कृष्णा साहू ने पाया कि पीड़िता अनुसूचित जाति से है। इसलिए आरोपी के खिलाफ एससी,एसटी की धारा 3(2)(5) को जोड़ा गया। छानबीन के दौरान आरोपी के दोनों पूर्व पत्नियों का कथन लेकर कोर्ट के सामने पेश किया गया।
छलपूर्वक सहमति कोर्ट ने बताया कि शादी का इकरारनामा सामान्य कानूनी प्रक्रिया है। लेकिन पीड़िता और आरोपी के बीच तैयार इकरारनामा दोषपूर्ण है। आरोपी ने इकरारनामा तैयार करने के दौरान पूर्व पत्नियों का जिक्र नहीं किया है। मतलब इकरारनामा तैयार करते समय तथ्यों को छिपाया है। पीड़िता बालिग और उच्च शिक्षित है। आरोपी ने छल पूर्वक सहमति ली है।
प्रकरण की विवेचना पुलिस चौकी सीएसईबी में पदस्थ तत्कालीन चौकी प्रभारी उप निरीक्षक कृष्णा साहू ने किया। पुलिस कप्तान रजनेश सिंह ने अच्छी विवेचना को लेकर कृष्णा साहू को बधाई दी है।