
बेटे हरीश लखमा पर भी लटकी है गिरफ्तारी की तलवार..अब तक 2161 करोड़ के घोटाले का हुआ है खुलासा-◆
रायपुर-{जनहित न्यूज़} छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित 2000 करोड़ के शराब घोटाला मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने आज तीसरी बार पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा और उनके बेटे हरीश लखमा को पूछताछ के लिए बुलाया था। खबरों के अनुसार, पूछताछ के बाद ED ने कवासी लखमा को गिरफ्तार कर लिया है। अब उन्हें जल्द ही कोर्ट में पेश किया जाएगा।
बताते चलें कि शराब घोटाला मामले में 28 दिसंबर 2023 को ED ने कवासी लखमा और उनके बेटे हरीश लखमा के ठिकानों पर छापेमारी की थी। छापेमारी के दौरान ED ने नगद लेन-देन के सबूत भी बरामद करने का दावा किया था। इसके बाद 3 जनवरी को दोनों को पूछताछ के बाद छोड़ दिया गया था।
यह मामला तब से सुर्खियों में है जब आयकर विभाग ने 11 मई 2022 को दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट में एक याचिका दायर की थी, जिसमें छत्तीसगढ़ में रिश्वत, अवैध दलाली और बेहिसाब पैसे के लेन-देन की जानकारी दी गई थी। इसके बाद 18 नवंबर 2022 को प्रवर्तन निदेशालय ने PMLA Act के तहत इस मामले को दर्ज किया।
इस मामले में अब तक 2161 करोड़ के घोटाले का खुलासा हुआ है। ED की चार्जशीट के मुताबिक, 2017 में आबकारी नीति में संशोधन किया गया, जिसके बाद CSMCL के जरिए शराब बेचने का प्रावधान लागू किया गया। 2019 के बाद शराब घोटाले के मुख्य आरोपित अनवर ढेबर ने CSMCL के MD के रूप में अरुणपति त्रिपाठी को नियुक्त किया और इसके बाद बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार हुआ।
सीएमएससीएल के MD अरुणपति त्रिपाठी पर आरोप है कि उन्होंने अपनी पसंदीदा डिस्टिलरी की शराब को परमिट किया और इसके बदले 75 रुपये प्रति केस का कमीशन लिया। इस प्रक्रिया को एक्सेल शीट में दर्ज कर अनवर ढेबर को भेजा गया। इसके साथ ही आरोप है कि अनवर ढेबर और अरुणपति त्रिपाठी ने नकली होलोग्राम लगाकर अवैध तरीके से शराब की बिक्री की, जिससे राज्य को भारी राजस्व का नुकसान हुआ।
इस मामले में अब तक के जांच में यह भी सामने आया कि CSMCL की दुकानों पर सिर्फ तीन ग्रुप की शराब बेची जाती थी – केडिया ग्रुप (52%), भाटिया ग्रुप (30%) और वेलकम ग्रुप (18%)।