
आम जनता के प्रति संवेदनशीलता और पुलिस व्यवस्था पर सकारात्मक भूमिका निभा रहे वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक रजनेश सिंह…!
बिलासपुर-{जनहित न्यूज़} बिलासपुर शहर की बढ़ती जनसंख्या, यातायात का दबाव, और बदलते शहरी परिवेश में पुलिस की भूमिका पहले से कहीं अधिक महत्वपूर्ण हो गई है। आम जनता और पुलिस के बीच की दूरी को पाटने के उद्देश्य से बिलासपुर के पुलिस अधीक्षक रजनेश सिंह एक नई कार्यशैली के साथ सक्रिय रूप से मैदान में उतर गए हैं।
एस.एस.पी रजनेश सिंह का मानना है कि पुलिस जनता की रक्षा के लिए है, डराने या परेशान करने के लिए नहीं। वे लगातार शहर के चौक-चौराहों पर, थानों में, और जमीनी स्तर पर खुद पहुंचकर यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि पुलिस की कार्यप्रणाली आम जनता के हित में हो। उनका स्पष्ट संदेश है…!
“पुलिस आपकी हमदर्द है, दुश्मन नहीं।”
बिलासपुर के नागरिकों में यह धारणा आम होती जा रही है कि थाने जाना मुश्किल है, और पुलिस से बात करना डरावना हो सकता है। इस सोच को बदलने के लिए एस.एस.पी सिंह ने पुलिसकर्मियों को निर्देश दिए हैं कि वे संवेदनशीलता के साथ जनता से पेश आएं। उनका उद्देश्य है कि हर नागरिक पुलिस को एक मित्र और सहयोगी के रूप में देखे।
हालांकि यह भी एक सच्चाई है कि पुलिस महकमे में कुछ ऐसे भी अधिकारी हैं जो व्यवस्था को कलंकित करते हैं। मगर एस.एस.पी राजननेश सिंह इस पर भी सख्ती से कार्रवाई कर रहे हैं। वे स्पष्ट कर चुके हैं कि किसी भी प्रकार की भ्रष्ट या अमानवीय गतिविधियों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। आम जनता यदि किसी पुलिसकर्मी के खिलाफ शिकायत करती है, तो उस पर तुरंत और निष्पक्ष कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी।
शहरवासियों से अपील करते हुए एस.एस.पी रजनेश सिंह ने कहा, “मैं चाहता हूं कि बिलासपुर के नागरिक पुलिस पर विश्वास करें। यदि कोई पुलिसकर्मी गलत व्यवहार करता है, तो हमें उसकी जानकारी दें। हम कार्रवाई करेंगे। लेकिन संपूर्ण पुलिस बल को एक ही नजर से देखना उचित नहीं है।”
शहर की मीडिया को भी इस दिशा में एक सकारात्मक भूमिका निभाने की आवश्यकता है। मीडिया को चाहिए कि वह पुलिस और जनता के बीच एक मजबूत सेतु का काम करे और दोनों पक्षों की आवाज शासन तक पहुंचाए।
बिलासपुर एस.एस.पी ने की अपील…!
बिलासपुर पुलिस आज सिर्फ कानून व्यवस्था बनाए रखने तक सीमित नहीं है, बल्कि सामाजिक भरोसे की एक मजबूत कड़ी बनने की ओर अग्रसर है, वही यदि देखा जाए तो एस.एस.पी रजनेश सिंह के नेतृत्व में पुलिस बल एक मानवीय, संवेदनशील और सहयोगी रवैये के साथ अपने दायित्वों का निर्वहन कर रहा है।
उसके बाद भी आम जनता के किसी भी तबके धर्म समुदाय को यदि कही दिक्कतें आती है ,तो कृपया पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों को सूचित करें।
स्वयंभू सोशल मीडिया पर कुछ भी ऐसी कोई पोष्ट न शेयर करें जिसमे समाज अथवा नगर में अराजकता का माहौल बनें।
हाल ही में वरिष्ट पुलिस अधीक्षक रजनेश सिंह ने पुराने दिग्गजों जो कि कई मामलों में निगरानीशुदा पर भी नकेल कसी है।
एसएसपी रजनेश सिंह की सख्त रणनीति से अपराधियों में हड़कंप अपराध पर प्रहार का मिशन बना मिसाल शहर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) रजनेश सिंह की सटीक और सख्त रणनीति ने अपराधियों के होश उड़ा दिए हैं। उनके निर्देश पर चलाए गए दो दिवसीय विशेष अभियान ने न केवल गुंडा-बदमाशों की कमर तोड़ी, बल्कि जनता में भी सुरक्षा का भरोसा और कानून का डर कायम किया।
एसएसपी रजनेश सिंह की यह पहल ‘ऑपरेशन प्रहार’ के तहत शुरू की गई, जिसमें शहर के कुख्यात और निगरानीशुदा बदमाशों को थाने में हाजिरी देने का आदेश दिया गया। इस अभूतपूर्व कार्रवाई में शहर के 174 गुंडों, 32 निगरानी बदमाशों और 50 से अधिक संदिग्धों को थाना तलब किया गया। साथ ही 29 स्थायी वारंट तामील कर गिरफ्तारी की कार्रवाई भी हुई।
कभी शहर में जिन बदमाशों की तूती बोलती थी, आज वे थानों में हाजिरी दे रहे हैं। अकबर खान, तैयब हुसैन, नौशाद खान, कैलाश बघेल और प्रशांत ठाकुर जैसे नामचीन गुंडों को थानों में बुलाकर सख्त हिदायतें दी गईं कि वे किसी भी असामाजिक गतिविधि में शामिल न हों और सप्ताह में एक दिन अपनी उपस्थिति दर्ज कराएं।
इस विशेष अभियान में बस्तियों में जाकर गुज़र जांच, बाहर से आए संदिग्धों की जांच और सरप्राइज चेकिंग जैसे कदम उठाए गए, जिससे अपराधियों में खलबली मच गई। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक राजेन्द्र जायसवाल ने भी अभियान की निगरानी की और बताया कि इसका उद्देश्य अवैध गतिविधियों पर लगाम लगाना और शहर में शांति व्यवस्था बनाए रखना है।
जनता का भरोसा, अपराधियों का डर
एसएसपी रजनेश सिंह की यह पहल अपराध रोकने की दिशा में मील का पत्थर साबित हो रही है। शहर में पुलिस की सख्ती की चर्चा हर जुबान पर है। आम लोग राहत महसूस कर रहे हैं और पुलिस को खुलकर सराहना भी दे रहे हैं।
सैल्यूट … एस.एस.पी बिलासपुर नगर को नई दिशा और दशा बदलने की सकरात्मक सोच के लिये
एसएसपी रजनेश सिंह की कार्यकुशलता, सक्रियता और ठोस रणनीति ने यह साबित कर दिया है कि अगर इरादा मजबूत हो, तो अपराध चाहे जितना पुराना और संगठित क्यों न हो, उस पर लगाम लगाई जा सकती है।
यह अभियान न सिर्फ अपराधियों को चेतावनी है, बल्कि समाज को भी यह संदेश है कि कानून का डंडा हर गलत कदम पर सख्ती से चल सकता है।