पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल सत्तारूढ़ सरकार पर किया तीखा प्रहार बोले…
शिक्षा को ठप्प कर शराबखोरी को प्रोत्साहित करने पर आमादा”
है सरकार…
बिलासपुर [जनहित न्यूज़] पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने एक बार फिर मौजूदा राज्य सरकार पर कड़ा हमला बोला है। बिलासपुर स्थित छत्तीसगढ़ भवन में मीडिया से मुखातिब होते हुए उन्होंने सरकार की प्राथमिकताओं पर सवाल खड़े किए और कहा कि “राज्य की सरकार शिक्षा को ठप और शराबखोरी को प्रोत्साहित करने पर आमादा है।”
बघेल ने 16 जून से आरंभ हो रहे नए शैक्षणिक सत्र की ओर इशारा करते हुए कहा, “स्कूल खोलने की बजाय सरकार स्कूलों को बंद करने और शिक्षकों के युक्तियुक्तकरण के नाम पर उथल-पुथल मचाने में लगी है। यह सरकार शालाओं को बंद कर रही है और मधुशालाओं की चेन खोल रही है।”
पूर्व मुख्यमंत्री ने धान खरीदी, रोजगार, बिजली संकट और बढ़ते पलायन को लेकर भी गंभीर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि सरकार जानबूझकर धान की नीलामी में देरी कर रही है, जिससे किसानों को भारी आर्थिक नुकसान उठाना पड़ रहा है। “किसानों को प्रति क्विंटल 500 से 600 रुपये का घाटा हो रहा है। यह पूरी तरह किसान विरोधी रवैया है,” उन्होंने कहा।

बघेल ने यह भी आरोप लगाया कि बस्तर और अन्य आदिवासी क्षेत्रों में बेरोजगारी के चलते हजारों युवाओं को दूसरे राज्यों की ओर पलायन करना पड़ा है। “बस्तर में 30 से 40 हजार युवा काम की तलाश में पलायन कर चुके हैं, और वहां भय का वातावरण बना हुआ है।”
महतारी वंदन योजना पर भी उठाया सवाल
बघेल ने सरकार पर आदिवासी हितों की अनदेखी का आरोप लगाते हुए कहा कि “महतारी वंदन योजना से 70 हजार महिलाओं के नाम काट दिए गए हैं और आदिवासी युवाओं को जेल भेजा जा रहा है।”
उन्होंने नक्सली घटनाओं को लेकर सरकार की चुप्पी पर भी सवाल उठाया और पूछा कि “झीरम कांड के दोषियों को लेकर प्रधानमंत्री ने जो वादा किया था, उसका क्या हुआ? नक्सली घटनाओं की जानकारी मीडिया से क्यों छुपाई जा रही है?”

भूपेश बघेल के इस प्रहार ने सियासी हलकों में हलचल मचा दी है। शिक्षा, कृषि, रोजगार और आदिवासी अधिकारों जैसे ज्वलंत मुद्दों को उठाकर उन्होंने राज्य सरकार की कार्यशैली को कठघरे में खड़ा कर दिया है।

