300 महिलाओं ने मिलकर किया नशे का विरोध…परिणाम…”महिलाएं बनीं चेतना प्रहरी, गांव बना नशामुक्त”
बिलासपुर-{जनहित न्यूज़} बिलासपुर जिला अंतर्गत थाना सीपत में आज सामाजिक समरसता और जनसहयोग की अद्वितीय मिसाल पेश करते हुए शिकायत समाधान शिविर का आयोजन किया गया। इस अवसर पर वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक रजनेश सिंह स्वयं उपस्थित रहे और उन्होंने ग्राम जुहली की 55 महिला कमांडो को उनके नशामुक्ति अभियान में उल्लेखनीय योगदान के लिए सम्मानित किया। “महिलाएं बनीं चेतना प्रहरी, गांव बना नशामुक्त” एसएसपी रजनेश सिंह
शिविर के दौरान वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने कहा, “जुहली की महिलाएं केवल शराब ही नहीं, हर प्रकार के नशे के खिलाफ एक चेतना प्रहरी बनकर खड़ी हुईं हैं। उनका यह जज्बा आने वाली पीढ़ी के लिए प्रेरणादायक है।”

उन्होंने यह भी जोड़ा कि अब पूरे जिले के सभी थानों में ऐसे शिविर आयोजित किए जाएंगे, ताकि पुलिस और समाज के बीच विश्वास की मजबूत डोर बंधे। समाज और पुलिस की साझेदारी से नशे के विरुद्ध क्रांति वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि अब अवैध शराब और मादक पदार्थों के कारोबार को किसी भी स्थिति में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने महिला कमांडो को आदर्श के रूप में प्रस्तुत करते हुए ग्रामीणों से अपील की कि वे अपने बच्चों को बेहतर शिक्षा दें, उन्हें मोबाइल और नशे की बुरी लत से दूर रखें।

शिविर में 18 शिकायतें प्राप्त, 2 एफआईआर, 2 में पारिवारिक समझौता शिविर के दौरान कुल 18 शिकायतें प्राप्त हुईं, जिनमें से दो मामलों में तत्काल एफआईआर दर्ज की गई, वहीं दो विवादों का आपसी समझौते से समाधान हुआ। पुलिस की सक्रियता और पारदर्शिता ने आम जनता का भरोसा जीता।
जुहली की महिलाओं का साहस…
300 महिलाओं ने मिलकर किया नशे का विरोध…
आदिवासी महिला विष्णु देवी सारथी और दुखनीबाई मरकाम ने बताया कि कैसे उन्होंने रात-दिन मेहनत कर 300 महिलाओं के साथ लाठियों के सहारे अपने गांव को नशे से मुक्त किया। उन्होंने कहा, “अब हमारा गांव पूरी तरह नशामुक्त है।”
एडिशनल एसपी अर्चना झा का संदेश: नारी शक्ति है समाज की दिशा
एडिशनल एसपी (ग्रामीण) श्रीमती अर्चना झा ने कहा, “जब एक महिला आगे बढ़ती है तो पूरा समाज संस्कारवान बनता है। नारी शक्ति ही गांव की सुरक्षा की आधारशिला है।” उन्होंने महिलाओं से आग्रह किया कि वे अपने परिवार और समाज को दिशा देने का बीड़ा उठाएं।
सम्मान और सहभागिता की मिसाल बनी यह पहल
इस अवसर पर महिला कमांडो को आदिवासी गमछा, सुरक्षा की लाठी और सिटी भेंटकर सम्मानित किया गया। वरिष्ठ अधिकारी, जनप्रतिनिधि, सरपंचगण और विभिन्न गांवों के लगभग 72 गांवों के ग्रामीणों की उपस्थिति ने इस आयोजन को जनभागीदारी का उदाहरण बना दिया।

सशक्त समाज की दिशा में एक कदम
थाना प्रभारी गोपाल सतपथी के नेतृत्व और पुलिस टीम की मेहनत से यह शिविर न केवल एक प्रशासनिक प्रयास रहा, बल्कि पुलिस और जनता के बीच विश्वास और सहभागिता का जीवंत उदाहरण बना।
इस आयोजन ने यह सिद्ध कर दिया कि जब पुलिस और समाज विशेषकर महिलाएं
एक साथ खड़े होते हैं, तो हर अपराध और सामाजिक बुराई को जड़ से मिटाया जा सकता है।

