
ब्लैक शीशा, तेज साउंड सिस्टम और अनधिकृत नेम प्लेट पर ट्रैफिक पुलिस हुई सख्त…!
बिलासपुर-[जनहित न्यूज़] वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक रजनेश सिंह के स्पष्ट दिशा-निर्देशों के अनुपालन में बिलासपुर यातायात व्यवस्था को अनुशासित और सुरक्षित बनाए रखने के उद्देश्य से अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (यातायात) रामगोपाल करियारे के नेतृत्व में एक प्रभावशाली और निर्णायक कार्रवाई की गई है।
सड़क सुरक्षा को लेकर गंभीरता दिखाते हुए यातायात पुलिस ने ब्लैक शीशा (काली फिल्म), अत्यधिक आवाज वाले साउंड सिस्टम, अनधिकृत नेम प्लेट और प्रतिबंधित सर्च लाइट जैसी असुरक्षित वाहनों की सजावट पर पूरी तरह रोक लगाने की चेतावनी जारी की है।
संचालकों को दी गई कड़ी चेतावनी
कार एसेसरीज़, रेडियम, नेम प्लेट और वाहन डेकोरेशन दुकानों के संचालकों की एक विशेष बैठक आयोजित कर उन्हें सख्त हिदायत दी गई कि कोई भी दुकान ब्लैक फिल्म या डिटेंड ग्लास न लगाए और न ही उसका स्टॉक रखे।
तेज आवाज वाले बुफर या साउंड सिस्टम जो चालक को सड़क संकेत समझने में बाधा डालते हैं, पूरी तरह प्रतिबंधित हैं।
अनधिकृत वाहनों में पदनाम या नाम लिखना पूरी तरह वर्जित है, चाहे वह किसी संस्था या अधिकारी के नाम पर क्यों न हो।
सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का पालन अनिवार्य
बैठक में उच्चतम न्यायालय द्वारा निर्धारित मानकों को विस्तारपूर्वक समझाया गया, जिसमें बताया गया कि आगे-पीछे के शीशों की 70% और साइड ग्लास की 50% पारदर्शिता अनिवार्य है।
यह पारदर्शिता सुरक्षा, दृश्यता और सार्वजनिक शांति बनाए रखने के लिए आवश्यक है।
यातायात मित्र की भूमिका निभाने का आह्वान
अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक रामगोपाल करियारे ने सभी दुकानदारों को “यातायात मित्र” के रूप में कार्य करने का आह्वान करते हुए कहा कि “आप सभी न केवल व्यापार कर रहे हैं, बल्कि यातायात सुरक्षा के भागीदार भी हैं। यदि आपकी दुकानों पर लगे एमवी एक्ट की धाराओं और दंड की जानकारी देने वाले बोर्ड होंगे, तो आम नागरिक जागरूक होंगे और सड़क पर दुर्घटनाएं घटेंगी।
जन-जागरूकता की दिशा में एक कदम आगे
इस बैठक में दुकानदार यूनियन के पदाधिकारी, सैकड़ों दुकान संचालक सहित यातायात विभाग के अधिकारी-
कर्मचारी भी उपस्थित रहे। सभी ने नियमों के पालन की प्रतिबद्धता जाहिर की।
इस मुहिम के तहत अब यदि किसी वाहन में नियमों का उल्लंघन पाया गया तो उस पर प्रकरण तैयार कर सख्त कार्रवाई की जाएगी।