जनदर्शन में कलेक्टर के समक्ष उभरे कई गंभीर मामले तत्काल निराकरण के दिए निर्देश…
बिलासपुर-[जनहित न्यूज़] जिले के ग्रामीण अंचलों की समस्याएं अब नजरअंदाज नहीं की जा रही हैं। कलेक्टर संजय अग्रवाल ने साप्ताहिक जनदर्शन में आम जन की समस्याएं गंभीरता से सुनीं और अधिकारियों को त्वरित कार्रवाई के निर्देश दिए। खासकर सकरी तहसील के ग्राम देवरीकला से आई शिकायत ने जनदर्शन में मौजूद सभी लोगों का ध्यान खींचा, जहां सरपंच पति की मनमानी अब ग्रामीणों के गले की फांस बन चुकी है।
गांव की सरपंच रूपमणी सूर्यवंशी के पति शत्रुहन सूर्यवंशी पर आरोप है कि वे शासकीय उचित मूल्य की राशन दुकान का संचालन नियमों को ताक पर रखकर कर रहे हैं।

ग्रामीणों ने बताया कि राशन वितरण के लिए न तो कोई सूचना दी जाती है, न ही निर्धारित मात्रा में राशन दिया जाता है। जिन ग्रामीणों के घर वह खुद अंगूठा लगवाने नहीं पहुंचते, उन्हें राशन ही नहीं मिलता। इसके साथ ही 200 से 300 ग्राम राशन कम तौलने की भी शिकायतें सामने आईं। कलेक्टर संजय अग्रवाल ने इस मामले को बेहद गंभीर मानते हुए खाद्य नियंत्रक को तत्काल जांच कर आवश्यक कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं।

जनदर्शन में उभरे अन्य अहम मुद्दे:
नगर पंचायत मल्हार की अध्यक्ष धनेश्वरी कैवर्त ने स्मार्ट मीटर लगने के बाद बिजली बिलों में अत्यधिक वृद्धि की शिकायत की, जिसे कलेक्टर ने विद्युत विभाग के कार्यपालन अभियंता को जांच के लिए सौंपा।
ग्राम निपनिया से मुस्लिम समाज ने कब्रिस्तान के लिए भूमि की मांग की, जिस पर एसडीएम बिलासपुर को कार्रवाई के निर्देश दिए गए।
ग्राम पंचायत सेमरताल के दिलीप सूर्यवंशी ने शिकायत की कि उनके आवास निर्माण का पैसा किसी और के खाते में चला गया है। कलेक्टर ने यह मामला सीईओ जिला पंचायत को जांच हेतु सौंपा।

ग्राम करहीकछार की उर्मिला बैगा ने अपनी बेटी का आधार कार्ड नहीं बनने की समस्या बताई, जिससे छात्रावास प्रवेश में बाधा आ रही है। मामला सहायक आयुक्त आदिवासी विकास विभाग को सौंपा गया।
ग्राम सिंघरी के महेंद्र साहू ने अपनी कृषि भूमि पर अवैध कब्जे की शिकायत की, जिसे कलेक्टर ने एसडीएम को भेजते हुए कार्रवाई के निर्देश दिए।
कलेक्टर संजय अग्रवाल का जनदर्शन अब औपचारिकता नहीं, बल्कि आमजन की आवाज़ को त्वरित समाधान दिलाने का सशक्त मंच बन चुका है। खासकर जब सत्ताधारी लोगों की मनमानी सामने आती है और प्रशासन स्वयं जांच के आदेश देता है, तो यह व्यवस्था के प्रति जनता के विश्वास को मजबूत करता है। ग्रामीणों को अब उम्मीद है कि उनकी आवाज़ को दबाया नहीं जाएगा, बल्कि न्याय दिलाया जाएगा।

