छत्तीसगढ़ की अनदेखी, कलाकारों में रोष..उठी न्याय की मांग…!
बिलासपुर-[जनहित न्यूज] हाल ही में घोषित 71वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार में जहां कई क्षेत्रीय भाषाओं की फिल्मों को सम्मानित किया गया, वहीं छत्तीसगढ़ी भाषा की फिल्में पूरी तरह से उपेक्षित रहीं। इस पर फिल्म ‘किरण’ के निर्माता-निर्देशक अखिलेश पांडे ने प्रधानमंत्री सहित शीर्ष पदाधिकारियों को पत्र लिखकर न्याय की मांग की है।

अखिलेश की फिल्म ‘किरण’, जो किन्नर समुदाय के संघर्ष पर आधारित है, ने अब तक 63 अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार जीतकर विश्व रिकॉर्ड बनाया है। बावजूद इसके, फिल्म को यह कहकर खारिज कर दिया गया कि छत्तीसगढ़ी भाषा संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल नहीं है।
उन्होंने बताया कि कलेक्टर का प्रमाणपत्र देने के बाद भी उनकी फिल्म को नजरअंदाज किया गया, जिसे उन्होंने छत्तीसगढ़ी भाषा और कलाकारों का अपमान बताया।

अखिलेश पांडे ने कहा कि जब मेरी फिल्म ने देश-विदेश में छत्तीसगढ़ का नाम रोशन किया, तब राष्ट्रीय स्तर पर उसे स्थान न मिलना न केवल दुर्भाग्यपूर्ण है, बल्कि छत्तीसगढ़ी भाषा-भाषियों के साथ अन्याय भी है।
पूर्व में छत्तीसगढ़ी फिल्म ‘भूलन द मेज’ को राष्ट्रीय पुरस्कार मिल चुका है, फिर भी इस बार की उपेक्षा पर उन्होंने सवाल उठाते हुए सरकार से छत्तीसगढ़ी भाषा को मान्यता देने और फिल्मों को राष्ट्रीय मंच पर उचित स्थान दिलाने की मांग की है।


