निजी अस्पतालों का अल्टीमेटम
31 अगस्त तक भुगतान नहीं हुआ तो 1 सितंबर से सेवा बंद करने की दी चेतावनी…!
बिलासपुर-{जनहित न्यूज़} बिलासपुर आयुष्मान भारत योजना का उद्देश्य गरीब और आर्थिक रूप से कमजोर मरीजों को निःशुल्क एवं गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएँ उपलब्ध कराना है। लेकिन यह योजना अब खुद संकट में घिर गई है। बिलासपुर जिले के निजी अस्पतालों का जनवरी 2025 से अब तक का भुगतान लंबित होने पर इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) बिलासपुर ने गंभीर नाराज़गी जताई है।

शनिवार को IMA बिलासपुर की आपात बैठक आयोजित हुई, जिसमें सभी निजी अस्पताल प्रतिनिधियों ने स्थिति को चिंताजनक बताते हुए कहा कि बीते 7–8 महीनों से लगातार भुगतान अटका पड़ा है, जिसके चलते अस्पतालों की वित्तीय हालत डांवाडोल हो गई है।
अस्पतालों की गंभीर समस्याएँ
दवाइयाँ, इम्प्लांट्स और ऑपरेशन सामग्री लगातार महँगी हो रही हैं।
कर्मचारियों का वेतन, बिजली-पानी, ऑक्सीजन और अन्य सेवाओं का खर्च अस्पताल अपनी जेब से उठा रहे हैं।
लंबित भुगतान के कारण अधिकांश अस्पताल कर्ज़ के बोझ तले दब चुके हैं।
ऐसी परिस्थितियों में गुणवत्तापूर्ण इलाज देना बेहद मुश्किल हो गया है।
IMA का अल्टीमेटम…
बैठक में सर्वसम्मति से यह निर्णय लिया गया कि यदि 31 अगस्त 2025 तक लंबित भुगतान का निपटारा नहीं होता, तो बिलासपुर IMA और निजी अस्पताल 1 सितंबर 2025 से आयुष्मान भारत योजना के तहत इलाज बंद कर देंगे। यह निर्णय रायपुर IMA और राज्य स्तरीय IMA के आंदोलन को सहयोग करते हुए लिया जाएगा।
IMA बिलासपुर की अपील:-
IMA ने स्पष्ट कहा है:-
अब तक निजी अस्पतालों ने जनहित को ध्यान में रखकर आयुष्मान योजना में पूरा सहयोग दिया है।
लेकिन भुगतान न मिलने से अस्पतालों का अस्तित्व ही खतरे में है।
यदि.. शासन-प्रशासन ने तत्काल हस्तक्षेप नहीं किया तो अस्पतालों को योजना से बाहर होना पड़ेगा।
जनता पर सीधा असर
यदि निजी अस्पताल आयुष्मान योजना से हटते हैं तो इसका सीधा खामियाजा गरीब मरीजों को भुगतना पड़ेगा।
IMA ने चेतावनी दी है कि आयुष्मान भारत तभी सफल हो सकती है जब अस्पतालों को समयबद्ध भुगतान मिले, अन्यथा इस योजना पर ताला लग सकता है।
अब नज़र शासन-प्रशासन पर है कि वह 31 अगस्त से पहले समाधान निकालता है या नहीं, अन्यथा 1 सितंबर से हजारों मरीजों के इलाज पर संकट गहराना तय है।



