घुमंतू मवेशियों के गले में बांधी जा रही रेडियम पट्टी 10,000 से अधिक गोवंश हुए सुरक्षित…!
बिलासपुर-[जनहित न्यूज] बरसात के मौसम में राष्ट्रीय राजमार्ग और प्रमुख सड़कों पर घूमते मवेशियों के कारण होने वाली सड़क दुर्घटनाओं को रोकने के लिए बिलासपुर यातायात पुलिस ने सराहनीय पहल शुरू की है। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक रजनेश सिंह के दिशा-निर्देश और अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक यातायात रामगोपाल करियारे के मार्गदर्शन में अब तक 10,000 से अधिक मवेशियों के गले में रेडियम पट्टी बांधी जा चुकी है।

यह कदम वाहन चालकों को रात्रि और धुंध के समय दूर से ही मवेशियों की उपस्थिति का आभास कराने में मददगार साबित हो रहा है, जिससे सड़क दुर्घटनाओं की घटनाओं में कमी आई है।

स्वयंसेवी संस्थाओं व गौसेवकों का सहयोग
इस अभियान को गति देने में स्वयंसेवी संस्थाओं, गौ-सेवकों, यातायात मित्रों और आम नागरिकों का भी बड़ा योगदान मिल रहा है। पेंड्रीडीह बाईपास, बोड़सरा, अमसेना, बेलमुंडी संबलपुरी, भोजपुरी टोलप्लाजा, हाई कोर्ट रोड, तालापारा, मुढ़ीपारा जैसे क्षेत्रों में विशेष रूप से मवेशी ब्लैक स्पॉट चिन्हांकित किए गए हैं, जहां सामूहिक सहयोग से रेडियम पट्टी बांधने का कार्य किया जा रहा है।

क्यों बैठते हैं मवेशी सड़कों पर…?
बरसात में गीली जमीन से बचने और मक्खियों से राहत पाने के लिए मवेशी साफ-सुथरी और सूखी सड़कों पर बैठ जाते हैं। कई बार वे सड़क के बीचोंबीच इसलिए भी बैठते हैं ताकि वाहनों की हवा से मक्खियों से निजात मिल सके। यही कारण है कि अचानक तेज रफ्तार वाहनों से टकराव की स्थिति बन जाती है।

जिम्मेदारी मवेशी मालिकों की भी
यातायात पुलिस ने स्पष्ट कहा है कि दुर्घटनाओं को रोकने में मवेशी मालिकों की भी बड़ी भूमिका है। यदि वे अपने मवेशियों को खुले में विचरण के लिए छोड़ते हैं, तो उनके खिलाफ आपराधिक प्रकरण दर्ज किए जाएंगे।

साथ ही नागरिकों से अपील की गई है कि वे अपने क्षेत्र के मवेशियों को रेडियम पट्टी लगाने में सहयोग करें, जिससे रात्रि के समय वाहन चालक दूर से ही गति नियंत्रित कर सकें।

सड़क सुरक्षा में नया प्रयोग
बिलासपुर यातायात पुलिस का यह कदम सड़क सुरक्षा और पशु संरक्षण दोनों की दिशा में अनूठा प्रयोग है। यातायात पुलिस के सभी जवान, बीट व हाइवे पेट्रोलिंग ड्यूटी पर तैनात अधिकारी, यातायात मित्र और आमजन इस मुहिम में सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं।

इस पहल से न सिर्फ मवेशियों की जान बच रही है, बल्कि मानवीय क्षति और सड़क दुर्घटनाओं में भी उल्लेखनीय कमी आई है।

