विदेशी वस्तुओं का बहिष्कार कर स्वदेशी वस्तुओं को अपनाना ही भारत की मजबूती का बच्चों ने लिया संकल्प…!
बिलासपुर-[जनहित न्यूज]
आज बिलासपुर के ड्रीमलैंड हायर सेकेंडरी स्कूल का प्रांगण ऐतिहासिक क्षण का साक्षी बना। स्वदेशी जागरण मंच द्वारा स्वालंबी भारत अभियान स्वदेशी उद्यमिता प्रोत्साहन सम्मेलन का भव्य आयोजन किया गया। यह सम्मेलन न केवल विद्यार्थियों को स्वदेशी विचारधारा से जोड़ने का माध्यम बना बल्कि शासन की आत्मनिर्भर भारत नीति को गति प्रदान करने का महत्वपूर्ण प्रयास साबित हुआ।

कार्यक्रम की मुख्य अतिथि प्रांत महिला प्रमुख अरुणा दीक्षित स्वदेशी मेला निर्माण सदस्य सुशांत द्विवेदी, स्वदेशी जागरण सदस्य सुमन द्विवेदी तथा जिला प्रशिक्षक विवेक पांडे ने विद्यार्थियों को स्वदेशी विचारधारा और आत्मनिर्भरता का संदेश दिया।

स्वदेशी अपनाने का संकल्प
अपने उद्बोधन में अरुणा दीक्षित
ने कहा…
विदेशी वस्तुओं का बहिष्कार कर स्वदेशी वस्तुओं को अपनाना ही भारत की मजबूती है। छोटे से उद्यम को परिश्रम और लगन से ऊँचाइयों पर ले जाया जा सकता है, इसका सबसे बड़ा उदाहरण टाटा समूह है।
सुशांत द्विवेदी ने युवाओं को प्रेरित करते हुए कहा…शिक्षा जितनी आवश्यक है, उतना ही जरूरी है छोटे-छोटे उद्योगों के माध्यम से आत्मनिर्भर बनना। धन अर्जन और रोजगार सृजन के लिए हमें स्वदेशी उद्यमिता को अपनाना चाहिए।

विद्यालय प्रबंधन की प्रेरक भूमिका
विद्यालय की प्राचार्य निवेदिता सरकार ने विद्यार्थियों को समझाया कि दैनिक जीवन की छोटी-छोटी आवश्यकताओं से भी हम विदेशी वस्तुओं का बहिष्कार कर सकते हैं और स्वदेशी विकल्प चुन सकते हैं।
अंत में सीमा भट्टाचार्य ने विद्यालय की स्थापना की ऐतिहासिक यात्रा साझा करते हुए बताया कि प्रिंसिपल नीलिमा सरकार ने अल्प संसाधनों और कुछ विद्यार्थियों से इस संस्थान की नींव रखी थी।

जो आज एक वटवृक्ष के समान हजारों विद्यार्थियों और परिवारों को संबल प्रदान कर रहा है। शपथ और ऐतिहासिक संकल्प कार्यक्रम के समापन पर विद्यार्थियों ने मिलकर नारे लगाए, शपथ ली हम विदेशी वस्तुओं का बहिष्कार करेंगे और स्वदेशी को अपनाएंगे।

कार्यक्रम का महत्व
यह सम्मेलन शासन की आत्मनिर्भर भारत नीति पर आधारित एक ऐतिहासिक पहल रहा, जिसने विद्यार्थियों के मन में स्वदेशी उद्यमिता की अलख जगाई। इस कार्यक्रम ने न केवल शिक्षा के साथ आत्मनिर्भरता का मार्ग दिखाया बल्कि आने वाली पीढ़ी को भारत की आर्थिक मजबूती के लिए प्रेरित किया।

ड्रीमलैंड स्कूल का यह आयोजन आने वाले समय में इतिहास में स्वदेशी आंदोलन की आधुनिक गूंज के रूप में दर्ज होगा।

