
02-मार्च,2021
बिलासपुर-{जनहित न्यूज़}
छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट की वरिष्ठ अधिवक्ता श्रीमती अन्नपूर्णा तिवारी ने भूपेश सरकार के आम बजट पर अपनी तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने विधानसभा में राज्य का 21वां और अपनी सरकार का तीसरा बजट पेश किया। इस बजट में शिक्षा, स्वास्थ्य, किसान, रोजगार, इंफ्रास्ट्रक्चर पर फोकस रहा। राज्य का इस बार का बजट 97,106 हजार करोड़ का रहा। इस बजट के लिए वरिष्ठ महिला अधिवक्ता ने अपनी तीखी प्रतिक्रिया देते हुए बजट को बेहद निराशाजनक बताया। वर्तमान राज्य सरकार अपने जनघोषणा पत्र में किए वादों को भूल गयी है।इस बजट में न तो महिलाओं की सुरक्षा का ध्यान दिया गया और न ही शराबबंदी को लेकर कोई निर्णय लिया गया।
गढ़बो नया छत्तीसगढ़ के नारे लगाने वाली सरकार के क्रियाकलाप से छत्तीसगढ़ अपराध के नारे कीर्तिमान की ओर बढ़ रहा है। बोनस न विकास कार्य और न ही बेरोजगारी की बात इस बजट में की गयी है।
अन्नपूर्णा तिवारी ने बजट पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, ”कोरोना के बाद लगा था बजट घाव पर मरहम लगाने का काम करेगा, लेकिन ठीक उसके उलट हुआ है। स्वास्थ्य, महिला वर्ग, युवा वर्ग किसी के लिए कोई प्रावधान नहीं है।”
छत्तीसगढ़ बनने के बाद पहली बार बजट का आकार छोटा हुआ है, बजट का छोटा होना दुर्भाग्यजनक है। बजट केंद्र पर निर्भर है, विभागवार राशि स्पष्ट नहीं है, बजट में कुछ नया शामिल नहीं किया गया। सड़कों के लिए पूरी तरह केंद्र पर निर्भर हैं। बजट प्रदेश को पीछे धकेलने वाला बजट है। विभाग के मद की जानकारी नहीं है, बजट महिला, किसान, युवा से लेकर हर वर्ग के लिए निराशाजनक है।

