पुलिस की आँख की किरकिरी बन गया था शातिर आरोपी जिला अस्पताल से घेरा- बंदी कर धरा गया…
12 सितंबर 2024
बिलासपुर-[जनहित न्यूज़] पुराना बस स्टैण्ड पर हुई हत्या के फरार आरोपी दीपक ठाकुर उर्फ बाबा को बिलासपुर पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। आरोपी अब जेल के सलाखों के पीछे है और उसके खिलाफ हत्या का मामला दर्ज किया गया है।
ज्ञात हो कि मामला इस प्रकार है प्रार्थी हरीश सिंह चैहान ने 25 अगस्त 2024 की रात को रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि अज्ञात आरोपी ने राहुल सिंह चैहान की गला काटकर हत्या कर दी। पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए सीसीटीवी फुटेज की जांच की और आरोपी की पहचान की कोशिश की।
साइबर टीम ने आरोपी के धुंधले सीसीटीवी फुटेज को साफ किया और उसकी खोजबीन शुरू की। आखिरकार, आरोपी को जिला अस्पताल बिलासपुर में गिरफ्तार कर लिया गया। आरोपी ने अपनी पहचान दीपक ठाकुर उर्फ बाबा के रूप में की और हत्या की बात स्वीकार की।
अज्ञात आरोपी बहुत ही शातिराना तरीके से मृतक राहुल सिंह चैहान के गले में टूटे हुये शराब की शीशी से वारकर मृतक की हत्या कर वारदात को अंजाम देकर फरार हो गया था। प्रकरण में अज्ञात आरोपी का खुलासा करने के लिये पुलिस अधीक्षक रजनेश सिंह द्वारा सततः वरिष्ठ अधिकारियो की मींटिंग लेकर विभिन्न बिंदुओं पर दिशा-निर्देश दिया गया एवं टीम गठित कर अज्ञात आरोपी की पतासाजी के लिए निधारित समय-सीमा तय कर कडी चेतावनी देकर टीम को रायपुर, भाठापारा एवं बिलासपुर के संभावित ठिकानो पर अज्ञात आरोपी जो सीसीटीवी फुटेज में अस्पष्ट दिखाई दे रहा था। और पुलिस से लुका छिपी का खेल रहा था, उसकी खोजबीन कराई गयी अततः बिलासपुर पुलिस के द्वारा अज्ञात आरोपी को जिला अस्पताल बिलासपुर आने पर मुखबीर की सूचना मिलने पर बड़ी मसक्कत के बाद घेराबंदी कर पकडा गया। अपना नाम दीपक ठाकुर उर्फ बाबा पिता अर्जुन ठाकुर उम्र 23 वर्ष सा. अटल आवास क्वा. नंबर जे/4 बहतराई चैक थाना सरकंडा जिला बिलासपुर का रहने वाला बताकर अपने द्वारा दिये गये मेमोरेण्डम कथन में बताया। जिसे थाना लाकर पूछताछ करने पर अज्ञात आरोपी ने अपराध करना स्वीकार कर लिया। इसके अतिरिक्त, आरोपी के खिलाफ थाना सरकंडा में भी एक अन्य मामला दर्ज किया गया है, जिसमें उसने प्रार्थी अभिषेक सिंह पर हमला कर दिया था।
पुलिस की इस सफलता में थाना प्रभारी सरकंडा तोप सिंह नवरंग, थाना प्रभारी तारबाहर गोपाल सतपथी, उपनिरीक्षक संजीव ठाकुर, श्रवण टंडन, बी.एन. बनाफर, सायबर सेल के उपनिरीक्षक अजरूद्दीन और अन्य पुलिसकर्मियों का महत्वपूर्ण योगदान रहा।