मारपीट मामले में ढीला रवैया …!
से सवालों के घेरे में सिरगिट्टी पुलिस…!
बिलासपुर-[जनहित न्यूज़] तिफरा सब्जी मंडी के व्यवसायी धीरज कछवाहा के पिता दिनेश प्रसाद कछवाहा और भाई विकास कछवाहा पर हुए जानलेवा हमले के बाद पुलिस की निष्क्रियता पर सवाल खड़े हो रहे हैं। घटना को लगभग दो महीने बीत चुके हैं, लेकिन आरोपियों के खिलाफ कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है, जिससे अपराधियों के हौसले बुलंद होते जा रहे हैं और पीड़ितों पर राजनीतिक और व्यापारिक दबाव बनाया जा रहा है। घटना लगभग दो महीने पहले की है, जब सब्जी व्यापारी रामकुमार साहू ने अपने बेटों के साथ मिलकर धीरज कछवाहा के परिवार पर जानलेवा हमला किया। इस हमले में विकास कछवाहा को बुरी तरह पीटा गया और उनके पिता दिनेश प्रसाद कछवाहा के सिर पर लोहे की रॉड से हमला किया गया, जिससे उन्हें गंभीर चोटें आईं। हमले के बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया, और उनकी हालत अभी भी गंभीर बनी हुई है। डॉक्टरों ने बताया कि उनके सिर की चोटें गंभीर हैं और पूरी तरह से ठीक होने में महीनों लग सकते हैं।
पुलिस की कार्रवाई पर उठ रहे सवाल…
इस गंभीर घटना के बावजूद सिरगिट्टी पुलिस की कार्रवाई पर सवाल उठ रहे हैं। पीड़ित परिवार द्वारा घटना की रिपोर्ट दर्ज कराने के बावजूद, पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ कोई ठोस कदम नहीं उठाया। पीड़ितों ने नगर पुलिस अधीक्षक, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक, और पुलिस महानिरीक्षक से मिलकर न्याय की गुहार लगाई, लेकिन पुलिस द्वारा कोई विशेष कार्रवाई नहीं की गई। यहां तक कि अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक ने थाना सिरगिट्टी को तुरंत कार्रवाई करने के निर्देश दिए, लेकिन इसके बाद भी पुलिस ने कोई ठोस कदम नहीं उठाया।
पुलिस के साथ सांठगांठ का आरोप…
पीड़ित परिवार का आरोप है कि सिरगिही पुलिस जानबूझकर आरोपियों को बचा रही है और उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं कर रही है। विवेचना अधिकारी विजय शर्मा पर भी आरोप लगाया गया है कि उन्होंने बार-बार किए गए आवेदन के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं की और आरोपियों को केस से संबंधित गोपनीय जानकारी देकर उन्हें बचाने की कोशिश की।
पीड़ित परिवार को मिल रही धमकियां…
पुलिस की निष्क्रियता से हिम्मत पाए आरोपी अब खुलेआम घूम रहे हैं और पीड़ित परिवार पर केस वापस लेने का दबाव बना रहे हैं। रामकुमार साहू और उनके बेटे राजनीतिक और व्यापारिक दबाव डालकर पीड़ितों को धमका रहे हैं। धीरज कछवाहा को सब्जी मंडी व्यापार संघ के अध्यक्ष मुकेश अधीजा ने भी पांच दिनों के लिए दुकान बंद करने का आदेश दिया था, जो कि पूरी तरह से असंवैधानिक और गैर-कानूनी था।
पीड़ितों की न्याय की गुहार….
पीड़ित परिवार ने मीडिया के सामने अपनी व्यथा बताते हुए कहा कि यदि समय रहते उचित कार्रवाई नहीं की गई तो वे आमरण अनशन पर बैठने को मजबूर होंगे। उन्होंने उच्च पुलिस अधिकारियों से गुहार लगाई है कि उन्हें जल्द से जल्द न्याय मिले और अपराधियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाए।
यह मामला सिरगिही पुलिस की कार्यशैली और कानून-व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े करता है। पीड़ित परिवार के साथ हो रही अन्यायपूर्ण घटनाओं और अपराधियों की हिम्मत पुलिस की निष्क्रियता को साफ तौर पर दिखाती है।