खुद कैंसर से जंग जीत कर बनी उम्मीद की किरण अब कर रही कॉन्सलिंग अपोलो कैंसर सेंटर ने लॉन्च किया ‘कैनविन’ एक सशक्त समर्थन समूह…!
बिलासपुर-{जनहित न्यूज़} कैंसर जैसी घातक बीमारी को न केवल मात दी, बल्कि आज दूसरों को उम्मीद और हिम्मत दे रही हैं तीन जांबाज महिलाएं। अपोलो कैंसर सेंटर, बिलासपुर ने आज ‘कैनविन’ नामक एक प्रेरक कैंसर सपोर्ट ग्रुप की शुरुआत की, जो कैंसर योद्धाओं, मरीजों और उनके परिजनों के लिए भावनात्मक और मानसिक सहयोग का मंच बनेगा।

इस पहल की शुरुआत एक सशक्त और भावनात्मक सत्र से हुई, जिसमें कैंसर से जूझकर जीतने वाली महिलाओं ने अपने जीवन की सच्ची कहानियां साझा कीं। इनमें शामिल थीं। श्रीमती आराधना त्रिपाठी, बिन्नी सलूजा और मधुरिमा श्रीवास्तव। इनकी कहानियां सिर्फ संघर्ष नहीं बल्कि उम्मीद, साहस और नई शुरुआत की मिसाल हैं।

आराधना त्रिपाठी नकारात्मकता से सकारात्मकता की यात्रा 2012 में सेकंड स्टेज कैंसर का सामना कर चुकीं आराधना त्रिपाठी निराशा के गर्त में चली गई थीं, लेकिन डॉक्टर परीदा, डॉक्टर अमित वर्मा और अपने पति के सहयोग से उन्होंने न केवल कैंसर को हराया बल्कि आज वह एक कुशल काउंसलर बन चुकी हैं। उनका मानना है कि बीमारी पहले मन में होती है, शरीर में बाद में और इच्छाशक्ति से हर जंग जीती जा सकती है।
बिन्नी सलूजा प्रारंभिक जांच और योग से बनाई पहचान

2017 में जब उन्हें बीमारी का संदेह हुआ, तो उन्होंने देरी न करते हुए तुरंत जांच करवाई। कैंसर का प्रारंभिक अवस्था में पता चलना और योग, मानसिक शक्ति के साथ इलाज को स्वीकारना, उनके उपचार में निर्णायक साबित हुआ। आज वह स्वस्थ जीवन जी रही हैं और दूसरों के लिए प्रेरणा है।

मधुरिमा श्रीवास्तव दो बार कैंसर, फिर भी अडिग हौसला
शिक्षिका श्रीमती मधुरिमा श्रीवास्तव ने 2017 में पहली बार और 2024 में पुनः कैंसर का सामना किया। लेकिन दोनों बार उन्होंने न डर दिखाया, न हार मानी। अब भी अपना इलाज जारी रखते हुए वे सामान्य जीवन जी रही हैं और आत्मविश्वास के साथ अपनी भूमिका निभा रही हैं।

