जनहित न्यूज़ की सकारात्मक दृष्टिकोण पर आधारित…विशेष रिपोर्ट…!
बिलासपुर-{जनहित न्यूज़} बिलसपुर डॉक्टरों को यूं ही धरती का भगवान नहीं कहा जाता वे ना सिर्फ बीमार शरीर को ठीक करते हैं, बल्कि टूटते विश्वास, डगमगाते मनोबल और जीवन की उम्मीद को भी संजीवनी देते हैं। एक आम मरीज के लिए डॉक्टर केवल दवा देने वाला व्यक्ति नहीं होता, बल्कि वह एक ऐसा सहारा होता है, जिसकी मुस्कान में राहत और स्पर्श में भरोसा छिपा होता है।

आज के दौर में जब समाज में कई नकारात्मक घटनाएं सुर्खियां बनती हैं, वहीं डॉक्टरों की मरीजों के प्रति सेवा भावना एक उजली मिसाल पेश कर रहे डॉ. अंकित ठकराल “हम सिर्फ इलाज नहीं करते, हम हर मरीज को अपने परिवार जैसा मानते हैं…

इसी तरह डॉ. चंद्रशेखर उइके कहते हैं “मरीज के चेहरे पर जब दर्द की जगह मुस्कान लौटती है, तो वही हमारी असल तनख्वाह होती है।”

डॉ. रूपेश अग्रवाल जो कि चाइल्ड स्पेशलिस्ट है उन्हेंने कहा.. “धन्यवाद नहीं चाहिए, बस तुम स्वस्थ रहो बच्चों, यही दुआ है हमारी।”
वही श्री विजय वंदना हॉस्पिटल के

डॉ. विजय कुमार बोले…
डॉक्टरों का नजरिया सिर्फ दवा और इलाज तक सीमित नहीं है। वे मानसिक संबल, सामाजिक सहयोग और मानवीय संवेदना के साथ एक नई पीढ़ी को दिशा दे रहे हैं।

प्रथम हॉस्पिटल के डॉ. रजनीश पांडेय ने कहा…! मेरे लिए मरीजों के प्रति उनकी सोच यह नहीं कि कोई “केस नंबर” है, बल्कि हर मरीज एक “कहानी” है जीने की, संघर्ष करने की, और फिर से मुस्कुराने की…!

यू तो हर डॉक्टर्स मरीज के लिए एक भगवान का रूप होता है। पर यहाँ एक उल्लेखनीय विषय पर ध्यान केंद्रित जरूरी बनता है..! गरीबों के मसीहा कहे जाने वाले डॉ.
अभीराम शर्मा … की सोच पर आधारित गरीबो का इलाज कर रहे उनके पुत्र डॉ. अभय शर्मा
की सोच…
जब डॉक्टर दिल से इलाज करते है, तब
सिर्फ शरीर का नहीं आत्मा का भी होता है
समायोजन…!
डॉक्टर दिवस के इस पावन अवसर पर आइए, उनके प्रति आभार जताएं जो हर दिन अपने कर्तव्य से जीवन की लौ जलाए रखते हैं, क्योंकि वे सिर्फ दवाइयां नहीं देते, उम्मीद बांटते हैं।

