
मुंगेली पुलिस की तत्परता से महज 6 घंटे में ही हत्या की गुथी सुलझी…! आरोपी गिरफ़्तार…
मुंगेली-जनहित न्यूज़] कहते हैं खून का रिश्ता सबसे मजबूत होता है, लेकिन जब वही रिश्ता नफरत और रंजिश की आग में जल जाए तो रिश्तों की सबसे पवित्र डोर भी कट जाती है। कुछ ऐसा ही हृदयविदारक मामला सामने आया है मुंगेली जिले के थाना पथरिया क्षेत्र अंतर्गत ग्राम घुठेली से, जहां एक छोटे भाई ने घरेलू विवाद के चलते अपने ही बड़े भाई की बेरहमी से हत्या कर दी।
इस दिल दहला देने वाली वारदात का खुलासा तब हुआ जब मुंगेली पुलिस अधीक्षक श्री भोजराम पटेल (भा.पु.से.) के निर्देशन में गठित विशेष टीम ने महज 6 घंटे के भीतर आरोपी भाई दुर्गेश राजपूत को गिरफ्तार कर लिया। चौंकाने वाली बात यह रही कि आरोपी ने खुद थाने पहुंचकर अज्ञात आरोपी के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कर पुलिस को गुमराह करने की भी कोशिश की थी।
आइए जानते हैं घटनाक्रम हत्या से झूठी शिकायत तक क्या है पूरा मामला…!
01 जुलाई 2025 की सुबह 09:40 बजे प्रार्थी के रूप में थाना पथरिया पहुंचा दुर्गेश राजपूत (25 वर्ष) ने यह रिपोर्ट दर्ज कराई कि वह 30 जून की रात अपनी पत्नी के साथ बहन के इलाज के लिए आकृति अस्पताल, पथरिया में रुका था। सुबह जब वह गांव लौटा तो देखा कि उसका बड़ा भाई उमेश राजपूत घर के परछी में मृत पड़ा था, माथे पर गहरी चोट और खून था। उसने दावा किया कि किसी अज्ञात व्यक्ति ने हत्या की है।
पुलिस की सघन जांच और आरोपी की गिरफ़्तारी-:
पुलिस अधीक्षक भोजराम पटेल ने मामले की गंभीरता को भांपते हुए अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सुश्री नवनीत कौर छाबड़ा और उप पुलिस अधीक्षक नवनीत पाटिल के पर्यवेक्षण में सायबर सेल और थाना पथरिया की संयुक्त टीम गठित की। घटनास्थल की गहन जांच, परिस्थितिजन्य साक्ष्य और प्रार्थी के व्यवहारिक विरोधाभासों को भांपते हुए पुलिस ने दुर्गेश से सख्ती से पूछताछ की।
पूछताछ में चौंकाने वाला सच सामने आया। दुर्गेश ने कबूला कि उसका बड़ा भाई उमेश शराब का लती था और शराब के नशे में परिवार के सदस्यों से मारपीट करता था। इसी रंजिश और द्वेष भावना के चलते उसने 30 जून की रात आकृति अस्पताल से बाइक में घर जाकर आंगन में पड़े पत्थर से दो बार सिर पर वार कर अपने भाई की हत्या कर दी।
हत्या के बाद खुद ही थाने जाकर अज्ञात आरोपी के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करा दी ताकि शक उस पर न जाए।
सबूतों के साथ हुई गिरफ्तारी…
पुलिस ने आरोपी के घर से घटना में प्रयुक्त खून से सना बड़ा पत्थर और मोटरसाइकिल जब्त की। तत्पश्चात आरोपी को धारा 103, 235(ख) बीएनएस के तहत गिरफ्तार कर न्यायिक रिमांड पर जेल भेज दिया गया।
जांच टीम की सराहनीय भूमिका
इस जघन्य कृत्य का खुलासा करने में थाना प्रभारी निरीक्षक रघुवीर लाल चंद्रा, सायबर सेल प्रभारी उपनिरीक्षक सुशील बंछोर, एवं पथरिया थाने के समस्त स्टाफ की विशेष भूमिका रही। टीम के अन्य सदस्यों यशवंत डाहिरे, नरेश यादव, लोकेश राजपूत, रवि जांगड़े, राहुल यादव, गिरीराज सिंह, और अन्य का योगदान उल्लेखनीय रहा।
सवाल उठाता है ये मामला जब भाई ही भाई का हत्यारा बन जाए, तो समाज किस दिशा में जा रहा है?