फर्जी दस्तावेजों के आधार पर वर्षो से पा रहे सरकारी वेतन तत्काल प्रभाव से कलेक्टर ने किया बर्खास्त…!
बिलासपुर-[जनहित न्यूज़] मुंगेली जिले में फर्जी दस्तावेजों के सहारे सरकारी नौकरी कर रहे 27 कर्मचारियों की किस्मत पर आखिरकार विराम लग गया। कलेक्टर ने बड़ी कार्रवाई करते हुए इन सभी कर्मचारियों को बर्खास्त कर दिया है। वर्षों से फर्जी दिव्यांग प्रमाणपत्र, वह भी श्रवण बाधितता दिखाकर सरकारी वेतन ले रहे ये कर्मचारी अब विभागीय जांच के घेरे में हैं।
कौन-कौन शामिल है इस बर्खास्तगी की सूची में?
शिक्षा विभाग:
सबसे ज्यादा गड़बड़ी यहीं उजागर हुई है। 11 शिक्षक, व्याख्याता और सहायक शिक्षक फर्जी प्रमाणपत्र के आधार पर नौकरी कर रहे थे। इनमें मनीषा कश्यप, टेक सिंह राठौर, पवन सिंह राजपूत, योगेन्द्र सिंह राजपूत जैसे नाम शामिल हैं, जिनका कार्यकाल अब इतिहास बन गया है।
कृषि विभाग:
ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारियों की सूची भी लंबी है। प्रभा भास्कर, नितेश गुप्ता, गुलाब सिंह राजपूत, भीष्मराव भोसले जैसे 11 अधिकारी अब विभाग से बाहर कर दिए गए हैं। उद्यानिकी विभाग:
यहां भी दो नाम सामने आए हैं पूजा पहारे और सतीश कुमार नवरंग, जिन्हें अब बागवानी नहीं बल्कि जवाबदेही का सामना करना पड़ेगा।
अन्य विभाग:
श्रम, पंचायत एवं ग्रामीण विकास, और सांख्यिकी विभाग के कर्मचारी भी इस कार्रवाई की चपेट में आ गए हैं। नरेंद्र सिंह राजपूत (सहायक ग्रेड 2) और राजीव कुमार तिवारी (विकास विस्तार अधिकारी) जैसे नाम इस फर्जीवाड़े का हिस्सा बने।
कैसे हुआ फर्जीवाड़ा?
सभी ने सुनने में असमर्थता (श्रवण बाधित) दिखाते हुए फर्जी दिव्यांग प्रमाणपत्र बनवाए और इसके आधार पर सरकारी नौकरी हासिल कर ली। सालों तक वेतन उठाने के बाद अब जब सच्चाई सामने आई, तो सबकी नौकरी एक झटके में चली गई।
देखिए सूची….👇


