NSUI की सजगता से हुआ भंडाफोड…!
पुलिस ने दोनों युवतियों को किया गिरफ़्तार…पढ़े पूरी खबर…👇
बिलासपुर-[जनहित न्यूज़] फिल्मी स्टाइल में चल रही थी सरकारी परीक्षा में ऑनलाइन नकल लेकिन NSUI की सजगता से खुल गया फर्जीवाड़े का पूरा खेल।
बिलासपुर में रविवार को आयोजित लोक निर्माण विभाग (PWD) की भर्ती परीक्षा उस वक्त सुर्खियों में आ गई जब परीक्षा केंद्र में मुन्ना भाई’ स्टाइल में नकल का हाईटेक फॉर्मूला सामने आया। सरकंडा क्षेत्र के शिवदुलारे स्वामी आत्मानंद स्कूल में परीक्षा के दौरान एक युवती को हॉल के भीतर कैमरे के माध्यम से पेपर सॉल्व करते हुए पकड़ा गया। हैरानी की बात ये थी कि सवालों के जवाब उसे बाहर ऑटो में बैठी उसकी साथी वीडियो कॉल पर बता रही थी।
NSUI की सक्रियता ने खोली पोल
एनएसयूआई से जुड़े युवाओं को जब परीक्षा केंद्र के बाहर खड़ी एक ऑटो में युवती की संदिग्ध गतिविधियों पर शक हुआ, तो उन्होंने तुरंत नजर रखनी शुरू की। कुछ देर की निगरानी के बाद पूरा मामला सामने आया ,ऑटो में बैठी युवती के पास मोबाइल, इंटरनेट और नोट्स थे और वह अंदर परीक्षा दे रही परीक्षार्थी को कैमरे के माध्यम से प्रश्न हल करवाने में जुटी थी।
NSUI ने मौके पर ही दोनों युवतियों को पकड़कर पुलिस के हवाले कर दिया। वहीं, परीक्षा केंद्र में जांच करने पर परीक्षार्थी के पास से माइक्रो कैमरा और ईयरफोन भी जब्त किया गया, जिससे वह निर्देश ले रही थी।
मुन्नाभाई स्टाइल की नकल, लेकिन अंजाम जेल की काल कोठरी फर्जीवाड़े का तरीका हूबहू किसी फिल्मी सीन जैसा था, पर असल जिंदगी में इसके अंजाम काफी गंभीर हैं। फीमेल मुन्ना भाई बनकर सरकारी नौकरी की दौड़ में छलांग लगाने की ये कोशिश न सिर्फ नियमों का उल्लंघन थी, बल्कि सैकड़ों मेहनती परीक्षार्थियों के हक पर सीधा डाका था।
आरक्षण, रिश्वत और अब हाईटेक नकल कब सुधरेगी व्यवस्था?

इस घटना ने एक बार फिर उस कड़वे सच को उजागर किया है कि किस तरह कुछ लोग जुगाड़ और नकल के जरिए सरकारी नौकरी पाने की कोशिश कर रहे हैं। आरक्षण के नाम पर मिल रही छूट के ऊपर जब तकनीकी नकल का सहारा लिया जाता है, तो असली योग्य युवाओं का भविष्य कुंठित हो जाता है।
NSUI ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की मांग की है। वहीं पुलिस ने दोनों युवतियों के खिलाफ IPC की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज कर लिया है।
जनता पूछ रही है क्या भविष्य अब तकनीक से तय होगा या योग्यता से?
इस घटना ने शिक्षा व्यवस्था और परीक्षा सुरक्षा पर भी सवालिया निशान खड़े कर दिए हैं। यदि परीक्षा केंद्रों पर इतनी बड़ी चूक हो सकती है, तो जिम्मेदार अधिकारी भी कठघरे में हैं।
बिलासपुर में यह पहला मामला नहीं है, लेकिन इसे आखिरी बनाना जरूरी है।
वरना ‘मुन्नाभाई’ चाहे फीमेल हो या मेल, भविष्य की नींव कमजोर ही रहेगी।

