महामाया देवी मंदिर रतनपुर को मिलेगी ‘प्रसाद’ योजना की सौगात!
बिलासपुर/नई दिल्ली-[जनहित न्यूज़] छत्तीसगढ़ के धार्मिक, सांस्कृतिक और ऐतिहासिक धरोहरों को नई पहचान दिलाने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया गया है। भारत सरकार के आवासन एवं शहरी कार्य राज्य मंत्री तोखन साहू ने रतनपुर स्थित मां महामाया मंदिर के समग्र विकास हेतु एक महत्वपूर्ण पहल की है। नई दिल्ली में उन्होंने संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत से मुलाकात कर मां महामाया मंदिर को ‘प्रसाद योजना’ में शामिल करने हेतु औपचारिक प्रस्ताव सौंपा। इस दौरान श्री साहू ने महामाया मंदिर की धार्मिक आस्था, ऐतिहासिक महत्ता और हर वर्ष लाखों श्रद्धालुओं के आगमन को रेखांकित करते हुए परिसर के पुनरोद्धार व आधारभूत सुविधाओं के सुदृढ़ीकरण की आवश्यकता पर बल दिया।

उन्होंने बताया कि रतनपुर स्थित महामाया मंदिर केवल छत्तीसगढ़ ही नहीं, बल्कि पूरे देश के श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र है। लेकिन सुविधाओं की कमी के कारण यात्रियों को दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। ‘प्रसाद’ योजना के तहत मंदिर का विकास होने से न सिर्फ आस्था को मजबूती मिलेगी, बल्कि पर्यटन और स्थानीय रोजगार को भी नया संबल मिलेगा।

केंद्रीय मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने श्री साहू के प्रयासों की सराहना करते हुए प्रस्ताव पर सकारात्मक रुख अपनाने और शीघ्र विभागीय कार्रवाई का भरोसा दिलाया।
यह पहल सिर्फ एक मंदिर के विकास की नहीं, बल्कि छत्तीसगढ़ की सांस्कृतिक अस्मिता और तीर्थ पर्यटन को नई उड़ान देने की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम साबित हो सकती है।
आइए जानते है
👉 क्या है प्रसाद योजना…?
PRASAD (Pilgrimage Rejuvenation and Spiritual Augmentation Drive) योजना भारत सरकार की एक प्रमुख योजना है, जिसका उद्देश्य देश के प्रमुख धार्मिक स्थलों का समग्र विकास और आधुनिकीकरण करना है।
तोखन साहू के इस प्रयास से छत्तीसगढ़वासियों में नई उम्मीद जगी है कि रतनपुर की पावन धरा को अब वह पहचान मिलेगी, जिसकी वह वर्षों से हकदार रही है।
“जहां आस्था है, वहां विकास भी हो यही है नए भारत की दिशा।

