उद्योग मंत्री और उप मुख्यमंत्री को घेरा सवालों से निवेश की हकीकत और जल संकट पर उठाए गंभीर प्रश्न…!
रायपुर-[जनहित न्यूज़] छत्तीसगढ़ विधानसभा के मानसून सत्र के दूसरे दिन बेलतरा विधायक सुशांत शुक्ला ने सरकार को तीखे सवालों के कटघरे में खड़ा कर दिया। उन्होंने उद्योग एवं वाणिज्य मंत्री लखनलाल देवांगन से 2019 से 2023 तक हुए निवेशक सम्मेलनों, एमओयू और वास्तविक निवेश को लेकर विस्तृत ब्यौरा मांगा।
विधायक शुक्ला ने पूछा कि इन वर्षों में कितने निवेशक सम्मेलन कहां-कहां आयोजित हुए, इन आयोजनों पर कितनी राशि खर्च हुई और इनसे क्या ठोस परिणाम निकले?
मंत्री का जवाब उद्योग मंत्री ने जानकारी दी कि कुल 5 निवेशक सम्मेलन कनाडा, जर्मनी (कोलोन), अमेरिका (बोस्टन-न्यूयॉर्क), बाली (इंडोनेशिया) और नई दिल्ली में आयोजित किए गए, जिन पर कुल 4.08 करोड़ रुपये व्यय हुए।
इन सम्मेलनों से 218 एमओयू साइन हुए, जिनमें से 32 निरस्त हो चुके हैं। वर्तमान में 186 एमओयू प्रभावशील हैं।
इन एमओयू में 127922.54 करोड़ रुपए निवेश प्रस्तावित थे, लेकिन अब तक केवल 19898.37 करोड़ रुपए का ही निवेश जमीन पर उतरा है।
मंत्री ने यह भी स्वीकारा कि एक भी विदेशी कंपनी से एमओयू नहीं हुआ है।
हैंडपंपों की हालत पर उठे सवाल विधायक शुक्ला ने उप मुख्यमंत्री अरुण साव से बेलतरा विधानसभा क्षेत्र के नलकूप और हैंडपंपों की स्थिति को लेकर सवाल दागा।
उप मुख्यमंत्री का जवाब:
क्षेत्र में कुल 1022 हैंडपंप स्थापित, इनमें से 965 चालू हैं जबकि 57 बंद।
2023 से 20 जून 2025 के बीच 27 नए हैंडपंप स्वीकृत किए गए, जिनके लिए सभी 27 नलकूप सफलतापूर्वक खनन किए गए।
बंद हैंडपंपों की सूची और सुधार की समय-सीमा प्रपत्र-अ में संलग्न कर दी गई है।
बिलासपुर नगर निगम के कार्यों पर भी उठाया सवाल विधायक शुक्ला ने बिलासपुर नगर निगम क्षेत्र के कार्यों पर भी सवाल खड़े करते हुए पूछा कि: बेलतरा क्षेत्र के कौन-कौन से इलाके निगम में शामिल हुए?
वर्ष 2019 से 20 जून 2025 तक नगर निगम एवं स्मार्ट सिटी मिशन के तहत किन-किन कार्यों को स्वीकृति मिली?
उनके नाम, स्वीकृत राशि, व्यय की स्थिति, पूर्ण/अपूर्ण/अप्रारंभ स्थिति क्या है?
क्या इन कार्यों में कोई अनियमितता या गुणवत्ताहीन सामग्री के उपयोग की शिकायतें आई हैं और उस पर क्या कार्रवाई की गई?
सरकार की ओर से इस पर जवाब प्रस्तुत किया गया है, जिसमें सभी कार्यों की स्थिति और शिकायतों की जानकारी रिपोर्ट के साथ देने की बात कही गई है।
विधानसभा सत्र के इस दिन विधायक सुशांत शुक्ला ने सरकार को स्पष्ट और ठोस जवाब देने पर मजबूर कर दिया।
चाहे निवेशक सम्मेलन के बड़े दावों की हकीकत हो, या गांवों में जल संकट से जूझ रहे लोग, या फिर नगर निगम के कार्यों में पारदर्शिता हर मोर्चे पर सवाल खड़े कर सरकार से जवाब की मांग की गई।
जनता की अपेक्षाओं को सदन में मुखरता से रखने के लिए विधायक शुक्ला के प्रयासों की चर्चाएं तेज हैं।

