समस्त थाना व चौकियों में 1000 रेडियम पट्टियां की गई वितरित…
“चेतना अभियान” के अंतर्गत एक संवेदनशील प्रयास…!
बिलासपुर{जनहित न्यूज़} सड़क पर रात्रि के समय बैठे अथवा विचरण करते गोवंश अक्सर दुर्घटनाओं का कारण बनते हैं, जिससे न केवल निर्दोष पशु हताहत होते हैं।बल्कि वाहन चालकों की जान भी जोखिम में पड़ती है। इसी गंभीर समस्या को दृष्टिगत रखते हुए बिलासपुर पुलिस ने एक मानवीय एवं संवेदनशील पहल की है।

वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक रजनेश सिंह के निर्देशन में “अतुलनीय बिलासपुर सुरक्षित बिलासपुर” अभियान के तहत सड़क दुर्घटनाओं की रोकथाम एवं गोवंश की सुरक्षा के लिए एक अभिनव प्रयास शुरू किया गया है। इस अभियान के अंतर्गत जिले के समस्त थाना व चौकियों में लगभग 1000 रेडियम पट्टियां वितरित की गईं हैं, जिन्हें सड़क किनारे पाए जाने वाले मवेशियों के गले में बांधा जाएगा, ताकि वे अंधेरे में भी दूर से दिखाई दें और वाहन चालक समय रहते सतर्क हो सकें।

इस प्रेरणादायक कार्यक्रम का आयोजन रक्षित केंद्र स्थित चेतना भवन में किया गया, जहां जिले के सभी राजपत्रित अधिकारी, थाना/चौकी प्रभारी तथा लगभग 100 पुलिसकर्मी उपस्थित रहे।
इस अभियान में छत्तीसगढ़ सीसीटीवी एसोसिएशन ने सक्रिय सहभागिता निभाई।

संगठन के स्टेट प्रेसिडेंट जितेंद्र जैन, एक्स प्रेसिडेंट रोहन जैन एवं अन्य सदस्यों
कैलाश पेसवानी, उदित चेरानिया, सुजीत अग्रवाल, शैलेन्द्र सिंह बीसेन, आशु शर्मा आदि ने पुलिस के साथ मिलकर रेडियम पट्टियों का वितरण किया।

एसएसपी रजनेश सिंह ने सभी थाना प्रभारियों, डायल-112, यातायात एवं हाईवे पेट्रोलिंग दलों को रेडियम पट्टियों के बंडल सौंपे। इन्हें निर्देशित किया गया कि वे अपने-अपने क्षेत्र में सक्रिय रूप से पशुओं के गले में पट्टियाँ लगवाएं, ताकि दुर्घटनाओं की संभावना को कम किया जा सके।

इस अवसर पर अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक शहर राजेंद्र जयसवाल, एएसपी ग्रामीण अर्चना झा, एएसपी ट्रैफिक रामगोपाल करियारे, सीएसपी निमितेश सिंह, सीएसपी सिद्धार्थ बघेल, डीएसपी रश्मित कौर, एसडीओपी नूपुर उपाध्याय, डीएसपी मंजुलता केरकेट्टा, डीएसपी भारती मरकाम समेत पुलिस विभाग के वरिष्ठ अधिकारी व कर्मचारी उपस्थित रहे।

यह पहल न केवल गोवंश की संरक्षा व संवेदनशीलता को दर्शाती है, बल्कि जनसहयोग और पुलिस की सहभागिता से सड़क सुरक्षा को लेकर एक उदाहरण भी प्रस्तुत करती है।
बिलासपुर पुलिस की यह मानवीय मुहिम निश्चित ही आने वाले समय में दुर्घटनाओं में कमी लाने में मील का पत्थर साबित होगी।


