क्षेत्रवासियों ने कहा.. गर्व की बात युवाओ के लिए बना प्रेरणा का माहौल…!
बिलासपुर-{जनहित न्यूज़} आध्यात्मिक आस्था और अदम्य साहस का अनूठा उदाहरण प्रस्तुत करते हुए प्रथम अस्पताल, बिलासपुर के संचालक और प्रख्यात चिकित्सक डॉ. रजनीश पाण्डेय ने हाल ही में 11 दिवसीय कठिन कैलाश मानसरोवर यात्रा सफलतापूर्वक पूरी की। रविवार को उनके बिलासपुर लौटने पर बेहतराई चौक पर मोहल्ले और सामाजिक संगठनों ने भव्य स्वागत किया। इस अवसर पर दीप आरती और पुष्पमालाओं से उनका अभिनंदन किया गया।

कैलाश मानसरोवर यात्रा को हिंदू, बौद्ध, जैन और तिब्बती परंपराओं में अत्यंत पवित्र माना जाता है। डॉ. रजनीश ने इसे श्रद्धा और सेवा की भावना से प्रेरित होकर पूरा किया। उन्होंने बताया कि यह यात्रा उनके लिए न केवल आध्यात्मिक रूप से समृद्ध करने वाली, बल्कि आत्ममंथन और शांति का अनुपम अनुभव भी रही।
52 किलोमीटर लंबी कठिन कैलाश परिक्रमा रही सबसे चुनौतीपूर्ण
डॉ. रजनीश ने साझा किया कि 11 दिन की इस यात्रा की शुरुआत काठमांडू से हुई, जहां यात्रियों ने पशुपतिनाथ मंदिर में दर्शन कर यात्रा का संकल्प लिया। इसके बाद हेलीकॉप्टर और सड़क मार्ग से नेपाल-तिब्बत सीमा पार कर मानसरोवर झील पहुंचे।

झील में पवित्र स्नान, ध्यान और पूजा करने के बाद उन्होंने कैलाश पर्वत की परिक्रमा को यात्रा का सबसे चुनौतीपूर्ण और दिव्य अनुभव बताया। लगभग 52 किलोमीटर लंबी यह ट्रैकिंग 18,000 फीट ऊंचाई पर डोलमा ला-दर्रे को पार करते हुए पूरी हुई।

उन्होंने कहा, ऊंचाई, ऑक्सीजन की कमी और ठंड के बावजूद आस्था और संकल्प ने हर कठिनाई को सरल बना दिया।
अस्पताल प्रबंधन और समाज ने दी प्रेरणादायक उपलब्धि की सराहना
अस्पताल प्रबंधन ने इस यात्रा को प्रेरणादायक उपलब्धि बताते हुए कहा कि डॉ. रजनीश ने यह सिद्ध कर दिया कि व्यस्त चिकित्सकीय जीवन के साथ भी आध्यात्मिक यात्रा संभव है।

बेहतराई पार्षद ओम प्रकाश पाण्डेय ने कहा, डॉ. रजनीश की यह यात्रा हमारे लिए गर्व का विषय है। हम ईश्वर से प्रार्थना करते हैं कि इनकी यह साधना समाज के लिए कल्याणकारी हो।

डॉ. रजनीश ने युवाओं से आह्वान किया कि वे जीवन की आपाधापी में भी स्वयं के भीतर झांकने और प्रकृति के निकट जाने का प्रयास करें।
उनकी यह यात्रा पूरे क्षेत्र में प्रेरणा और गर्व का वातावरण उत्पन्न कर गई है।

