परिजनों ने कहा धन्यवाद …!
सिम्स के डॉक्टरों ने लौटाई ज़िंदगी…!
बिलासपुर-[जनहित न्यूज] 31 जुलाई की रात चोरभट्टी के पास मामूली कहासुनी ने खून से लथपथ डरावनी तस्वीर में बदल गई। महज़ 19 साल के युवक पर बेरहमी से 17 बार चाकू से वार किए गए। हर वार मौत के करीब ले जा रहा था।

छाती में गहरे घाव, फटे फेफड़े, पेट के चीरे हुए हिस्से… और पूरी त्वचा के नीचे हवा का फैलाव। अस्पताल पहुंचते-पहुंचते उसकी सांसें टूट-टूटकर चल रही थीं।
ऐसे हालात में, सर्जरी विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. विनोद तामकनंद और पीजी डॉक्टर गरिमा ने सेकंड गंवाए बिना ऑपरेशन शुरू किया।

एनेस्थीसिया विभाग की डॉ. भावना रायजादा, डॉ. शीतल, डॉ. प्राची और नर्सिंग स्टाफ की सिस्टर मीना ने मानो वक्त से मुकाबला करते हुए जान बचाने की जंग लड़ी।

ऑपरेशन में डॉक्टरों ने कट चुकी आंत को जोड़ा, फटे डायफ्राम की मरम्मत की और घायल फेफड़ों को फिर से सांस लेने लायक बनाया।

इस बीच, सिम्स के अधिष्ठाता डॉ. रमणेश मूर्ति और चिकित्सा अधीक्षक डॉ. लखन सिंह ने तत्काल हर दवा और साधन उपलब्ध कराकर इस मिशन को मजबूती दी।

कई घंटों की इस निर्णायक लड़ाई के बाद मौत हार गई और युवक ने होश में आकर फिर से आंखें खोलीं। आज वह पूरी तरह स्वस्थ होकर घर लौट चुका है, मानो उसे ज़िंदगी की दूसरी पारी खेलने का मौका मिला हो।

