ऑनलाइन ठगी गिरोह पर रेंज साइबर थाना की बड़ी कार्रवाई…!
बिलासपुर- {जनहित न्यूज़} ऑनलाइन वित्तीय धोखाधड़ी के मामलों में लगातार हो रही बढ़ोतरी के बीच रेंज साइबर थाना बिलासपुर को बड़ी सफलता मिली है। पुलिस ने तकनीकी साक्ष्यों के आधार पर एक ऐसे संगठित गिरोह का पर्दाफाश किया है जो आम लोगों को फर्जी निवेश और गोल्ड ट्रेडिंग का झांसा देकर लाखों रुपए की ठगी कर रहा था।

गिरफ्तार आरोपी…
- ललित कुमार पिता सुरेंद्र सिंह (32 वर्ष), निवासी धारनाका महू, जिला इंदौर – एनआईआईटी दिल्ली से पढ़ा सॉफ्टवेयर इंजीनियर, गिरोह का मास्टरमाइंड
- बबलू उर्फ कमलजीत सिंह चौहान पिता दिलावर सिंह चौहान (38 वर्ष), निवासी अयोध्यापुरी कॉलोनी महू, जिला इंदौर
- अर्पित साल्वे पिता संतोश साल्वे (30 वर्ष), निवासी गिरनार सिटी फेस-1, महू, जिला इंदौर
- रोहित निषाद पिता बहादुर निषाद (25 वर्ष), निवासी शिवनगर कॉलोनी महू, जिला इंदौर
जप्त सामान..
04 मोबाइल फोन
07 एटीएम कार्ड..
01 यूपीआई कार्ड
02 पैन कार्ड
01 चेकबुक
02 पासबुक
कैसे करते थे ठगी…?
आरोपी खुद को गणेशम सिक्योरिटी नामक फर्जी एजेंसी का प्रतिनिधि बताकर लोगों को शेयर मार्केट व गोल्ड ट्रेडिंग में मोटा मुनाफा कमाने का लालच देते थे। नकली वेबसाइट और मोबाइल एप्लिकेशन बनाकर निवेश के नाम पर लाखों रुपए जमा करवाते और शुरुआती दिनों में फर्जी लाभ दिखाकर पीड़ितों का विश्वास जीत लेते थे। बाद में मोबाइल सिम और एटीएम कार्ड बदलकर गायब हो जाते।
बिलासपुर निवासी प्रार्थिया अल्पना जैन से आरोपियों ने इसी तरह ₹59,87,994/- (लगभग 60 लाख) की ठगी की थी।
पुलिस की रणनीति
डॉ. संजीव शुक्ला पुलिस महानिरीक्षक बिलासपुर रेंज और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक रजनेश सिंह के निर्देशन में गठित विशेष टीम ने आरोपियों की गतिविधियों पर 3 दिन तक महू (म.प्र.) में निगरानी रखी और फिर दबिश देकर चारों को गिरफ्तार किया।
जनता के लिए संदेश
पुलिस प्रशासन ने स्पष्ट कहा है कि…
ऑनलाइन निवेश या ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म की विश्वसनीयता की अच्छी तरह जांच करें।
किसी भी अज्ञात लिंक, ऐप या वेबसाइट पर बैंक डिटेल / ओटीपी / पासवर्ड साझा न करें।
अधिक मुनाफे का लालच अक्सर ठगी का संकेत होता है।
संदेहास्पद कॉल या संदेश मिलने पर तुरंत साइबर हेल्पलाइन 1930 या नजदीकी थाने से संपर्क करें।
इस कार्रवाई में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक शहर राजेन्द्र जायसवाल, एएसपी ग्रामीण अनुज कुमार, सीएसपी निमितेश सिंह के मार्गदर्शन तथा निरीक्षक राजेश मिश्रा, रविशंकर तिवारी व उनकी टीम का विशेष योगदान रहा।
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