शिकार बने रिटायर्ड कर्मचारी से साइबर ठगों ने तीन महीने में लूटे 1 करोड़ 9 लाख…बचाव के लिए पुलिस ने की चेतावनी जारी…!
बिलासपुर-[जनहित न्यूज] सरकंडा थाना क्षेत्र में सामने आया एक सनसनीखेज मामला समाज को गहरी सीख देने वाला है। 72 वर्षीय सेवानिवृत्त कर्मचारी पुरुषोत्तम दुबे तीन महीने तक साइबर अपराधियों के चंगुल में फंसे रहे। आरोपियों ने खुद को सीबीआई अधिकारी बताकर उन्हें डिजिटल अरेस्ट कर लिया और धीरे-धीरे 1 करोड़ 9 लाख रुपये की ठगी कर ली।
क्या है डिजिटल अरेस्ट…?
साइबर अपराधी खुद को CBI, ED या पुलिस अधिकारी बताकर वीडियो कॉल करते हैं। कॉल पर वे कैमरे के सामने बने रहने, बाहर किसी से बात न करने और गोपनीयता बनाए रखने का दबाव डालते हैं। पीड़ित को झूठे केस, जेल या गिरफ्तारी का डर दिखाकर मानसिक रूप से कैद कर लिया जाता है। इसी को डिजिटल अरेस्ट कहा जाता है।
घटना कैसे हुई…?
जनवरी 2025 में मोपका निवासी पुरुषोत्तम दुबे को एक कॉल आया। कॉलर ने कहा कि नौकरी के दौरान उन्होंने घपला किया है और अब सीबीआई जांच चल रही है। धीरे-धीरे उन्हें लगातार वीडियो कॉल पर पूछताछ के नाम पर दबाव में रखा गया।
हर बार जांच से बचाने के बहाने उनसे रकम मांगी गई। भय और धमकी के कारण दुबे ने तीन महीने में कुल 1 करोड़ 9 लाख रुपये ट्रांसफर कर दिए। पैसे खत्म होने के बाद अपराधियों ने कॉल करना बंद कर दिया।
छह महीने बाद बेटे के घर आने पर जब पूरा मामला उजागर हुआ, तब जाकर पुलिस में शिकायत दर्ज की गई।
पुलिस की चेतावनी
सरकंडा पुलिस और साइबर सेल ने नागरिकों को सावधान
किया है कि किसी भी अनजान कॉल पर खुद को जांच एजेंसी का अधिकारी बताने वाले व्यक्ति पर विश्वास न करें।
किसी भी सरकारी एजेंसी की पूछताछ केवल नोटिस/औपचारिक पत्र के जरिए होती है, वीडियो कॉल या फोन पर नहीं।
कोई भी अधिकारी बैंक खाता या पैसे ट्रांसफर करने के लिए दबाव नहीं डालता।
ऐसी किसी भी स्थिति में तुरंत 1930 (राष्ट्रीय साइबर क्राइम हेल्पलाइन) या नजदीकी पुलिस थाने को सूचित करें।
समाज के लिए सीख
यह घटना एक चेतावनी है कि डिजिटल दुनिया में डर और दबाव के जरिए भी अपराध किया जा सकता है। चुप्पी साधना अपराधियों को ताकत देता है। जागरूक रहकर, समय पर परिजनों से साझा कर और पुलिस की मदद लेकर ही ऐसे अपराधों से बचा जा सकता है।
सतर्क नागरिक ही सुरक्षित नागरिक पुलिस ने आम जनता से अपील…
की है कि जागरूक बनें और दूसरों को भी जागरूक करें।

