नेत्रदान से दो परिवारों की अंधेरी दुनिया में भर गई उजियारा…!
बिलासपुर-{जनहित न्यूज़} कहते हैं “मृत्यु अंत नहीं, बल्कि नई शुरुआत है।” इसी विचार को साकार किया है सरकंडा निवासी स्वर्गीय श्रीमती राधा देवी मनसुखानी ने। मंगलवार शाम उनके आकस्मिक स्वर्गवास के बाद भी उन्होंने अपनी अमूल्य धरोहर नेत्रज्योति दान कर दो जरूरतमंद लोगों की जिंदगी को नई रौशनी से भर दिया।
श्रीमती मनसुखानी के पुत्र राम और राजकुमार ने समाजसेवा की अनूठी मिसाल कायम करते हुए अपनी माता जी की अंतिम इच्छा को नेत्रदान से पूरा किया। उन्होंने तुरंत हैंड्सग्रुप से संपर्क साधा। ग्रुप की टीम से पंकज असरानी और मनोहर पमनानी तथा सिम्स अस्पताल से डॉ. सौरभ व उनकी टीम मौके पर पहुँची और सफलतापूर्वक नेत्रदान की प्रक्रिया पूरी की।
इस पुनीत कार्य से दो अंधेरे जीवन अब उजालों से भर उठेंगे। समाज में अभी भी ऐसे सैकड़ों लोग, जिनमें छोटे-छोटे बच्चे भी शामिल हैं, नेत्रज्योति की प्रतीक्षा कर रहे हैं।
यह पुनीत कार्य हमें एक गहरा संदेश देती है कि “जीवन के बाद भी हम किसी की जिंदगी का उजाला बन सकते हैं।” यदि हर परिवार नेत्रदान का संकल्प ले, तो अंधकार में जी रहे हजारों लोगों की आँखों में सपनों की चमक लौट सकती है।

