
सहारा देने के नाम पर युवतियों के दैहिक शोषण का था आरोप!
22-जनवरी,2021
बिलासपुर-{जनहित न्यूज़}
सहारा देने के नाम पर उज्जवला होम का संचालक करता था रेप मामले को दबाने की कोशिश की जा रही थी वही सरकंडा पुलिस की भी भूमिका पर भी सवालिया निशान लग रहे थे अंततः दुष्कर्म का आरोपी गिरफ्तार हुआ।
अब संस्कारधानी में भी देह व्यपार का गोरखधंधा पनपने लगा है जिससे पुलिस के कार्यप्रणाली पर सवाल उठने लगे है। हालही में न्यायधानी के सरकंडा क्षेत्र में स्थित उज्ज्वला होम में सेक्स रैकेट का सनसनीखेज मामला सामने आया है। जिसमे पुलिस की भूमिका संदिग्ध नज़र आ रही है। इस पूरे मामले में मिली जानकारी के अनुसार उज्जवला होम में आसरे की आस लिए रहने वाली महिलाओं और युवतियों के साथ घिनौनी हरकत करने का आरोप यहाँ के संचालक के ऊपर लग रहा है। जिसमें यहाँ के स्टफ की संलिप्तता से ही इनकार नही किया जा सकता।
सरकंडा क्षेत्र स्थित उज्जवला होम में महिलाओं और युवतियों को देह व्यपार के धंदे में धकेलने का मामला सामने आया है,जिससे जिले में सनसनी फैल गई है। बताया जा रहा है कि उज्जवला होम में रहने वाली लड़कियों को नशीला पदार्थ पिला कर संचालक उनके साथ दुष्कर्म करता था, और अगर कोई लड़की गलत काम करने से मना कर दे तो उसके कपड़े उतार मारपीट की जाती है। पर इतना सब होने बाद भी कार्यवाई के नाम सिर्फ जांच चल थी, जब पीड़ित महिला थाने में इस बात की जानकारी देने पहुंची तो उनका मुलाहजा करने के बाजय मामले को रफा-दफा करने महिला पुलिस और स्टाफ ने इस मामले को दबाने की कोशिश की है। और उज्जवला होम के संचालक को बचाने की भरपूर कोशिस की है पर सच के आगे किसी न चली और आखिरकार दुष्कर्मी जितेंद्र मौर्य गिरफ्तार कर लिया गया।
बलात्कारी जितेंद्र हुआ गिरफ्तार
लाख कोशिशों के बावजूद आखिरकार संचालक जितेंद्र मौर्य अपनी हरकतों से बच नही पाया, गुरुवार को उज्जवला होम में रहने वाली 4 पीड़ित महिलाओं ने कोर्ट में 164 का बयान दर्ज कराया , जिससे सच्चाई सामने आ ही गयी। कोर्ट के निर्देश पर उस जितेंद्र मौर्य के खिलाफ धारा 376 और 354 आईपीसी की धाराएं लगाकर उसे गिरफ्तार किया गया ,पहले इसके खिलाफ एफ आई आर दर्ज नहीं किया गया था ।
आपको याद दिला दें कि 17 जनवरी की रात बिलासपुर सरकंडा स्थित उज्जवला होम में महिला को छुड़ाने पहुंचे उसके पति और पिता के साथ संचालक द्वारा अभद्रता किये जाने और महिला को छोड़ने से इंकार कर दिया था।
न्यायधानी में सैक्स रैकेट का खुलासा तब हुआ जब 17 जनवरी को एक महिला अपने पति से नाराज होकर घर से निकल गई इसी बीच रास्ते मे उज्जवला होम के कुछ लोग उसे अपने साथ ले गए, जिसे ढूंढते हुए महिला का पति उज्जवला होम पहुंचा और अपनी पत्नी से मिलने की बात कही, पर उसे उज्जवला होम के स्टफ ने बत्तमीजी करते हुए मिलने नही दिया,जैसे तैसे उसने कुछ लोगों की मदद से बाहर खड़े होकर अपनी पत्नी से संपर्क किया, जिसके बाद उसकी पत्नी ने खुलासा किया की उज्जवला होम में लड़कियों के साथ गलत काम हो रहा है।
फिर मौका पाकर महिला और लडकिया वहाँ से भागने में सफल होई और फिर जो खुलासा हुआ उसने सभी को दहला दिया,किसी को पता ही नही था कि संस्कारधानी की आबोहवा में देह व्यपार की गंदी बुह आने लगी है, बिलासपुर को न्यायधानी, संस्कारधानी के नाम से जाना जाता है पर उज्जवला होम में महिलाओं के साथ हो रही इस घटना ने सभी को स्तब्ध कर दिया है। और हमेशा की तरह ही इस मामले में पैसे के लिए पुलिस भी अपना इमान खोते नज़र आ रही है।
जिले के आईजी से उम्मीद हुई कामयाब
जिले के आईजी रतनलाल डांगी अपने कार्य को लेकर काफी चर्चित है उन्होंने बिलासपुर की कमान संभालते ही न्यायधानी की पुलिसिंग को टाइट कर दिया है,पर कुछ लालची पुलिसकर्मी अपनी हरकतों से बाज़ नही आ रहे है। उन्हें किसी की आबरू लूटने से मतलब नही है, इन्हें तो हर मामले में सिर्फ हरे हरे नोट नज़र आते है। फिर किसी के बहन,बहु या माँ नीलाम होती रहे। शर्म आनी चाहिए ऐसे पुलिस वालो को जो पैसे के लिए अपना ईमान बेच देते है। पर इस मामले में आईजी ने गंभीरता दिखाई और महिलाओं को न्याय मिल सका, पर अभी भी बेईमान पुलिसकर्मी वर्दी का गलत स्तेमाल कर रहे है। जिन पर शख्त कारवाई की ज़रूरत है।

