बिलासपुर-[जनहित न्यूज]
मानवता की सच्ची सेवा वही है जो जीवन के बाद भी दूसरों के लिए उपयोगी हो, शेष कॉलोनी, विनोबा नगर (बिलासपुर) निवासी वीरेंद्र अग्रवाल ने अपने जीवन के अंतिम क्षणों में इस भावना को साकार कर एक अद्वितीय उदाहरण प्रस्तुत किया। आज प्रातः 9:00 बजे उनके शांतिपूर्वक निधन के उपरांत, उन्होंने स्वेच्छा से देहदान कर समाज के लिए प्रेरणादायी संदेश छोड़ा…
उनकी इस महान इच्छा की जानकारी परिजनों आशीष अग्रवाल, श्रीमती अलका अग्रवाल, श्रीमती आभा अग्रवाल एवं श्रीमती पिंकी अग्रवाल द्वारा सिम्स चिकित्सालय के अधिष्ठाता डॉ. रमणेश मूर्ति को दी गई। अधिष्ठाता के निर्देशन में शरीर रचना विज्ञान विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ. शिक्षा जांगड़े ने समस्त औपचारिकताएँ पूर्ण कर देहदान प्रक्रिया संपन्न कराई।
स्व:अग्रवाल का यह महान योगदान न केवल चिकित्सा विद्यार्थियों के अध्ययन और शोध के क्षेत्र में अमूल्य संसाधन सिद्ध होगा, बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए भी एक प्रेरक उदाहरण बनेगा। शरीर रचना विज्ञान में कैडैवर को विद्यार्थियों का प्रथम गुरु माना जाता है जिनसे चिकित्सा छात्र जीवन के आरंभ में यह शपथ लेते हैं कि वे अपने इस प्रथम गुरु के प्रति सम्मान, श्रद्धा और मर्यादा बनाए रखते हुए एक कुशल एवं संवेदनशील चिकित्सक बनने का संकल्प लेंगे।

यह परंपरा विद्यार्थियों में मानवीय संवेदनशीलता, कृतज्ञता और सेवा भाव को जाग्रत करती है। और वीरेंद्र अग्रवाल जी का यह कदम इसी भावना को चरितार्थ करता है।
इस अवसर पर अधिष्ठाता डॉ. रमणेश मूर्ति, चिकित्सा अधीक्षक डॉ. लखन सिंह, डॉ. शिक्षा जांगड़े, डॉ. वीणा मोटवानी, डॉ. प्रेमलता येंडे, डॉ. अमित कुमार, डॉ. कमलजीत बाशन सहित दिवंगत के परिजन उपस्थित रहे।

सिम्स परिवार ने वीरेंद्र अग्रवाल जी के इस श्रेष्ठ, प्रेरणादायी और समाजोपयोगी योगदान के प्रति गहन कृतज्ञता व्यक्त करते हुए उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की।
जीवन का असली अर्थ वही है, जो दूसरों के काम आए वीरेंद्र अग्रवाल ने यह सिद्ध कर दिखाया।

