आस्था और भक्ति का हुआ संगम उमड़ा जनसैलाब…
बिलासपुर-[जनहित न्यूज]
आस्था, श्रद्धा और भक्ति का संगम देखने को मिला माँ अर्पणा दर्शन मेला एवं एकदिवसीय सत्संग के पावन अवसर पर, जब पूज्य श्री श्री 108 स्वामी शिवानंद महाराज जी ने अपने पावन चरणों से कार्यक्रम स्थल को धन्य किया।
विगत 21 वर्षों से चली आ रही इस भक्ति परंपरा को आगे बढ़ाते हुए इस वर्ष भी मेले का आयोजन बड़े ही श्रद्धा और हर्षोल्लास के साथ किया गया। पूज्य स्वामी जी का भव्य स्वागत ग्रामीण बंधुओं एवं समिति सदस्यों द्वारा हरी संकीर्तन और रामधुन के साथ किया गया।
टेंगनमाड़ा से उत्तर दिशा में 7 किमी दूर, अरपा नदी के तट पर स्थित श्री सिद्ध बाबा आश्रम, सोनसाय नवागांव इस अवसर पर हजारों श्रद्धालुओं की उपस्थिति से गूंज उठा। यह वही पावन स्थल है जिसे परम पूज्य श्री श्री 1008 स्वामी सदानंद महाराज जी की चरणधूलि ने तीर्थ बना दिया था।

पूज्य स्वामी श्री शिवानंद महाराज जी वर्तमान में इस गुरु परंपरा की धर्मध्वजा को अग्रसर करते हुए सभी आश्रमों का संचालन कर रहे हैं।
माँ अर्पणा नदी में दीपदान कर स्वामी जी ने समस्त भक्तों को भक्ति, शांति और सद्मार्ग का संदेश दिया। अपने प्रवचन में उन्होंने कहा…
जो सच्चे मन से प्रभु का नाम जपता है, उसके जीवन की नैया हर मझधार से निकलकर शांति के तट पर पहुँच जाती है। नाम की महिमा हर युग में अपरंपार रही है प्रह्लाद, शबरी, द्रौपदी, सुदामा और तुलसीदास जैसे भक्तों ने नाम के सहारे ही जीवन को सफल बनाया।
उन्होंने आगे कहा कि कलयुग में गुरु द्वारा मिला नाम स्वरूप ही मुक्ति का सच्चा मार्ग है। जो मनुष्य भौतिक सुखों में उलझकर ईश्वर को भूल जाता है, अंततः उसे पछताना पड़ता है।
मेला स्थल पर प्रथम हॉस्पिटल, बिलासपुर द्वारा स्वास्थ्य शिविर का भी आयोजन किया गया। डॉ. रजनीश पांडे एवं उनकी टीम ने सैकड़ों श्रद्धालुओं की जांच कर निःशुल्क उपचार प्रदान किया।
भक्ति संगीत की संध्या में दूर-दूर से आए कलाकारों ने मनमोहक भजनों की प्रस्तुति देकर वातावरण को भक्तिरस से भर दिया। इसके पश्चात विशाल भंडारे का आयोजन हुआ, जिसमें हजारों श्रद्धालुओं ने प्रसाद ग्रहण किया।

इस पावन आयोजन में बिलासपुर, मुंगेली, लोरमी, कोरबा, बरपाली, कोंचरा, जरगा, कुरुवार, टेंगनमाड़ा, खोंगसरा, पेंड्रा सहित आसपास के अंचलों से भारी संख्या में श्रद्धालुगण पहुँचे और पूज्य स्वामी जी से आशीर्वाद प्राप्त किया।
कार्यक्रम की सफलता में ग्रामवासी, पुलिस प्रशासन, विद्युत विभाग एवं समिति के सभी सदस्यों का विशेष सहयोग रहा।

