15 वर्षीय हर्षित की मौत से फूटा प्रदेश का गुस्सा कैंपस बना रणभूमि….!
रोते-बिलखते पिता की दहाड़ ने हिलाया सिस्टम बोले…मेरा बेटा मरा नहीं… उसे मार दिया गया है…!
बिलासपुर-[जनहित न्यूज]
छत्तीसगढ़ के मल्हार स्थित जवाहर नवोदय विद्यालय में 10वीं के छात्र हर्षित यादव की मौत ने पूरे प्रदेश को झकझोर दिया है। जिस संस्थान में बच्चों को शिक्षा और सुरक्षा मिलनी थी, वहीं अस्पताल ले जाने के लिए गाड़ी तक उपलब्ध न होने की शर्मनाक स्थिति ने एक मासूम की जिंदगी छीन ली।
मौत की खबर के अगले ही दिन बुधवार को नवोदय कैंपस भड़क उठा।
सैकड़ों छात्र-छात्राएं धरने पर बैठ गए, प्रबंधन के खिलाफ नारे लगे, और एक ही सवाल गूंजता रहा। अगर समय पर इलाज मिलता, तो हर्षित ज़िंदा होता… आखिर जिम्मेदार कौन?

मौत की ओर धकेलती 48 घंटे की दर्दनाक टाइमलाइन
शनिवार22 नवंबर सुबह 10:30 बजे
पिता को फोन आपके बेटे की हालत खराब है… जल्दी आएं। 90 किलोमीटर दूर से पहुंचे पिता की आंखें स्तब्ध रह गईं।
हॉस्टल की हालत मानो भूतिया खंडहर
कमरे में बदबू और सीलन टूटे दरवाज़े-खिड़कियां नाली का पानी खाने की जगह तक सांप-बिच्छू आने की घटनाएं और ठंड में सुबह 5 बजे नहलाने की मजबूरी सबसे बड़ा सवाल
गाड़ी कहाँ थी…? पिता ने जैसे ही एंबुलेंस या वाहन मांगा, जवाब मिला
गाड़ी नहीं है… प्राचार्य तीन दिन से वाहन लेकर बाहर गए हैं। स्टाफ ने सलाह दी
बाइक से ले जाइए… और कोई रास्ता नहीं। एक गंभीर बच्चे को बाइक पर ले जाना पड़ा! डॉक्टरों ने कहा…
बहुत देर से आया है… हालत गंभीर है।
रविवार तक स्थिति बिगड़ गई।
ना प्राचार्य का फोन… ना किसी अधिकारी की सुध
सोमवार सुबह से शाम तक संघर्ष… और रात में मौत आईसीयू में भर्ती डॉक्टर बोले…पहले लाते तो बच जाता
देर रात हर्षित जिंदगी की जंग हार गया

पिता का दर्द…यह मौत नहीं… हत्या है!
स्कूल ने हाथ खड़े कर दिए।
मेरा एक ही बेटा था… मेरा सब कुछ चला गया। नवोदय कैंपस में विस्फोट छात्राओं का मोर्चा, कलेक्टर को बुलाने की मांग
बुधवार सुबह से पूरे कैंपस में आक्रोश फूट पड़ा। छात्रों के आरोप दाल में पीला पानी सब्जी में सिर्फ आलू गंदगी, सीलन, टूटे दरवाज़े नर्स नाम की औपचारिकता गंभीर बीमारी का कोई प्रबंध नहीं सुरक्षा शून्य सांप-बिच्छू तक आते हैं छात्राएं बोलीं…
हर्षित की मौत से हम सब डर में हैं… कोई भी हर्षित बन सकता है।

नवोदय हॉस्टल की कड़वी सच्चाई छात्रों की ज़ुबानी समस्या स्थिति…
भोजन दाल में पानी, सब्जी में केवल आलू सुरक्षा जंगली जीव कमरे तक
स्वच्छता नाली का पानी भोजन कक्ष तक
इमारत टूटी खिड़कियां-दरवाज़े
स्वास्थ्य नर्स के नाम पर खानापूर्ति
दमन ठंड में सुबह 5 बजे नहलाना
आखिर जिम्मेदार कौन…?
प्राचार्य…3 दिन से वाहन लेकर बाहर
स्कूल में एंबुलेंस तक नहीं…!

मेडिकल एस्कॉर्ट सिस्टम गायब
स्टाफ ने गंभीर बच्चे को बाइक से ले जाने को कहा शिकायतों के बावजूद कोई सुधार नहीं कलेक्टर की सख्ती SDM जांच के आदेश कलेक्टर संजय अग्रवाल ने मामले को बेहद गंभीर लेते हुए तत्काल SDM जांच शुरू कराई है।

एक सपना… जो सिस्टम की लापरवाही ने कुचल दिया हर्षित 6वीं से नवोदय में था। लक्ष्य बड़ा था… हौसले मजबूत थे…!
लेकिन व्यवस्था की सड़ांध ने
एक 15 वर्षीय सपने को बीच रास्ते में मार दिया।

