प्रेस क्लब पहुँचे ग्रामीण रेत घाट की की नियम विरुद्ध स्वीकृति का लगाया आरोप…!
बिलासपुर-[जनहित न्यूज]
कोटा जनपद के ग्राम कोनचरा और उसके आश्रित ग्राम जागरा में रेत घाट की लीज को लेकर उठी हलचल अब बड़े जनविवाद में बदल चुकी है। पेसा लागू क्षेत्र होने के बावजूद, बिना मान्य ग्रामसभा के रेत उत्खनन की स्वीकृति दिए जाने के आरोपों ने ग्रामीणों और प्रशासन के बीच टकराव की स्थिति खड़ी कर दी है।
शुक्रवार को कोटा जनपद पंचायत के पूर्व सभापति एवं कार्यकारी ब्लॉक कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष बेलगहना कन्हैया गंधर्व, पूर्व जनपद उपाध्यक्ष मनोज गुप्ता और पूर्व सरपंच बलभद्र सिंह ठाकुर ने प्रेस क्लब में पत्रकारों के सामने खुलकर कहा कि रेत घाट की स्वीकृति पूरी तरह नियम विरुद्ध है। उनका आरोप है कि पंचायत ने 2023 के पुराने, अधूरे और बिना कोरम वाले ग्रामसभा प्रस्ताव को पेश कर शासन को भ्रमित किया, जबकि ग्रामीणों को इसकी कोई जानकारी तक नहीं थी।
मामला इसलिए और गंभीर हो गया है क्योंकि जागरा में पहले से ही एक रेत घाट स्वीकृत है, और नया स्वीकृत घाट दोनों के बीच एक किलोमीटर से भी कम दूरी पर स्थित है।
जो खनिज नियमों का खुला उल्लंघन है। ग्रामीणों का कहना है कि दोनों घाटों की मंजूरी ही फर्जी ग्रामसभा के सहारे हासिल की गई है।

ग्रामीणों ने आरोप लगाया है कि नियमों के विपरीत मशीनों से रेत उत्खनन किया जा रहा है, जबकि इस क्षेत्र में केवल मैनुअल उत्खनन की अनुमति है। भारी मशीनों के उपयोग से नदी की धारा, जैव-विविधता और प्राकृतिक संसाधनों को गंभीर क्षति पहुँच रही है। लोगों का कहना है कि लगातार हो रहे ऐसे दोहन से अनहोनी का खतरा भी बढ़ रहा है।
कोनचरा के सैकड़ों ग्रामीणों ने हस्ताक्षरयुक्त आपत्ति पत्र प्रशासन को सौंपते हुए स्पष्ट कहा है कि पंचायत द्वारा भेजा गया प्रस्ताव पूरी तरह फर्जी है। ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि यदि रेत घाट की स्वीकृति तत्काल निरस्त नहीं की गई, तो वे कलेक्टर कार्यालय और खनिज शाखा का घेराव करने बाध्य होंगे।
पेसा कानून के प्रावधानों की अनदेखी, फर्जी ग्रामसभाओं का उपयोग और प्राकृतिक संसाधनों की अनियंत्रित लूट
इन तीनों ने कोनचरा को एक ऐसे सवाल के केंद्र में ला खड़ा किया है, जिसका जवाब सिर्फ प्रशासनिक कार्रवाई नहीं बल्कि व्यवस्था की जवाबदेही तय करेगी।
कोनचरा के लोग साफ कह रहे हैं।
यह सिर्फ रेत का सवाल नहीं, हमारी नदी, हमारे हक और हमारे अस्तित्व का सवाल है।

