नेहरू चौक में किया पुतला दहन
वोट चोर-गद्दी छोड़ के नारे से गूंजी न्यायधानी..!
बिलासपुर-[जनहित न्यूज] प्रदेश कांग्रेस कमेटी के निर्देश पर बिलासपुर शहर और ग्रामीण कांग्रेस कमेटियों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और ईडी का पुतला दहन करते हुए तीखा विरोध दर्ज कराया। नेहरू चौक की ओर बढ़ते कांग्रेस कार्यकर्ताओं को रोकने की पुलिस की कोशिश नाकाम रही और पुतला जलते ही वोट चोर-गद्दी छोड़” के नारे पूरे शहर में गूंज उठे। नेशनल हेराल्ड केस में राहुल गांधी से दोबारा पूछताछ की प्रक्रिया को कांग्रेस नेताओं ने केंद्र सरकार की घबराहट बताया।
आज सोमवार को कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और ईडी के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन करते हुए पुतला दहन किया। कांग्रेस भवन से रैली की शुरुआत हुई, जहां बड़ी संख्या में कार्यकर्ता इकट्ठे हुए और नारेबाजी करते हुए नेहरू चौक की ओर कूच किया।
नेहरू चौक पहुंचने से पहले पुलिस ने पूर्व की भांति पुतला छीनने का प्रयास किया, लेकिन कांग्रेसजनों ने पुतले को बचाते हुए नारेबाजी जारी रखी। पुतला जमीन पर रखते ही कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने उसे आग के हवाले कर दिया।
चौक कुछ मिनटों तक वोट चोर-गद्दी छोड़ के नारों से गूंजता रहा।
शहर कांग्रेस अध्यक्ष सिद्धांशु मिश्रा ने कहा कि नेशनल हेराल्ड मामले में ईडी पहले ही राहुल गांधी से पूछताछ कर चुकी है और केस वही है। उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार ‘वोट चोर-गद्दी छोड़’ अभियान से विचलित है, और 14 दिसंबर को दिल्ली में होने वाले बड़े कार्यक्रम से पहले विपक्ष को दबाने के लिए नई एफआईआर और जांच का हथकंडा अपनाया गया है।

मिश्रा ने कहा कि देशभर में लोग समझ चुके हैं कि हरियाणा, महाराष्ट्र, बिहार और लोकसभा चुनावों में वोट चोरी हुई है। उनके अनुसार लोग अब खुलकर कह रहे हैं – वोट चोर, गद्दी छोड़।” मिश्रा ने कहा कि प्रधानमंत्री ईडी के सहारे विपक्ष पर कार्रवाई कराकर इस दबाव से निकलने की कोशिश में हैं, लेकिन राहुल गांधी न झुकेंगे, न डरेंगे और पूरी कांग्रेस उनके साथ खड़ी है।
ग्रामीण कांग्रेस अध्यक्ष महेंद्र गंगोत्री ने नेशनल हेराल्ड मामले को आज़ादी की लड़ाई का प्रतीक बताया। उन्होंने कहा कि यह वह संस्था है, जिसने स्वतंत्रता सेनानियों की आवाज़ को देश के सामने रखा। गंगोत्री ने आरोप लगाया कि कंपनी नियमों के तहत किया गया स्थानांतरण पूरी तरह पारदर्शी था और इसमें किसी भी व्यक्ति द्वारा एक पैसा भी लिया नहीं जा सकता।

गंगोत्री ने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि 250 करोड़ की चंदा लेने वाली बीफ कंपनी से जुड़े मामले में ईडी क्यों जांच नहीं कर रही। उन्होंने आरोप लगाया कि मोदी सरकार के कार्यकाल में सब्सिडी पाओ-चंदा दो वाली राजनीति के चलते भाजपा ने 2014 से अब तक 10 हजार करोड़ रुपये चंदे के तौर पर प्राप्त किए हैं।
गंगोत्री ने कहा कि भाजपा की राजनीति केंद्रीय जांच एजेंसियों के सहारे संचालित होती है- पहले ईडी, सीबीआई और इनकम टैक्स की कार्रवाई होती है, और फिर नेता डरकर भाजपा में शामिल होते हैं, जिसके बाद उनके खिलाफ कार्रवाई धीमी कर दी जाती है। उन्होंने अजित पवार और हेमंता बिस्वा सरमा जैसे मामलों का उल्लेख किया।

पुतला दहन कार्यक्रम में शहर अध्यक्ष सिद्धांशु मिश्रा, ग्रामीण अध्यक्ष महेंद्र गंगोत्री, पूर्व ग्रामीण अध्यक्ष विजय केशरवानी, पूर्व शहर अध्यक्ष विजय पांडे, समीर अहमद, जावेद मेमन, विनोद साहू, मोती ठारवानी, शेरू असलम, धर्मेश शर्मा, रणजीत सिंह, सुनील सोनकर, रमाशंकर बघेल, मनीष गढ़ेवाल, शेख निजामुद्दीन, दीपक रजक, रामप्रसाद साहू, देवेंद्र मिश्रा, अखिलेश गुप्ता, कमलेश दुबे, विकास सिंह, अर्जुन सिंह, विनय पांडे, शैलेश मिश्रा, अर्पित केशरवानी, नीरज सोनी, सुभाष ठाकुर, अभिलाष रजक, अयाज़ खान, सोहराब खान, हरमेन्द्र शुक्ला, शाहनवाज़ खान, उमेश कुर्मी, चंद्रहास केशरवानी, मनोज सिंह और प्रतीक तिवारी सहित अनेक कार्यकर्ता मौजूद रहे।
क्या है नेशनल हेराल्ड मामला…?
नेशनल हेराल्ड अख़बार की स्थापना स्वतंत्रता संग्राम के दौरान की गई थी, जिसे गांधी-नेहरु परिवार से जुड़े संस्थान ने संचालित किया।
अख़बार चलाने वाली एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (AJL) को घाटा होने के बाद कंपनी अधिनियम के तहत दूसरी संस्था ‘यंग इंडियन’ को ट्रांसफर किया गया।
ईडी का आरोप है कि ट्रांसफर प्रक्रिया में आर्थिक अनियमितता हुई और कुछ हिस्सों को अवैध तरीके से लाभ पहुंचाया गया। कांग्रेस का कहना है कि यह पूरी प्रक्रिया नियमों के तहत थी और इसे राजनीतिक बदले की कार्रवाई के तहत उठाया गया मुद्दा बताया जाता रहा है।

