कोरोना संक्रमण इतनी बड़ी लड़ाई नहीं है कि हम जीत न सके
15-अप्रैल,2021
बिलासपुर-{जनहित न्यूज़}
सकारात्मकता फैलाना हमारी न केवल नैतिक जिम्मेदारी है बल्कि सामाजिक दायित्व भी . इसी से ही हम इस कोरोना महामारी से बने निराशावादी माहौल से उबर पाएंगे। कोरोना को लेकर चारों तरफ नकारात्मकता का माहौल बना हुआ है
आज इस प्रदेश/शहर/मौहल्ले में कोरोना का हुआ ब्लास्ट। फलां शहर में न अस्पतालों में जगह है और न श्मशानों में।यह सब सुनने/पढऩे के बाद हर व्यक्ति यह सोचने लग जाता है कि यदि में संक्रमित हो जाऊंगा या मेरे परिजनों को कुछ हो गया तो मुझे जगह मिलेगी की नहीं।और यह विचार बार बार उसके मन में आने से तनाव ग्रस्त हो जा रहा है।
जबकि ऐसा नहीं है कि जैसा वो व्यक्ति सोच रहा है वैसा होगा ही।जो घटित ही नहीं हुआ उसके बारे मे पहले से तनाव देना कहाँ तक उचित है। संकट के इन क्षण में हमें सकारात्मकता का माहौल अपने घर,परिवार आस पड़ौस एवम् शहर मे फैलाना होगा । ऐसा कहा जाता है कि आंधी तूफान या समुद्र की लहरों में कोई जितना भागने की कोशिश करता है वो ही नुकसान मे रहता है और जो शांत मन से एक जगह बैठ जाता है वो बच जाता है।
हमकों डॉक्टरों/पुलिस/प्रशासन/सफाई कर्मियों के बारे में सोचना चाहिए कि इन लोगों द्वारा अपनी जान को जोखिम में डालकर जो संभव हो सकता है वो कर रहे हैं। क्या आप भी कॉविड संक्रमित है ? यदि है तो भी चिंता करने की जरूरत नहीं है इतनी बड़ी लड़ाई नहीं है कि हमें इससे जीत नहीं सकते ।
इंसान की फितरत में ही है हमेशा किसी भी प्रकार की आपदा में विजय होना। इंसान की संकल्प शक्ति के सामने कुछ भी असंभव नहीं है । यदि आप संक्रमित है तो कोविड-19 संबंधित बिहेवियर का पालन करें । होम आइसोलेशन में है तो डॉक्टर के द्वारा जो आपको निर्देश दिए गए हैं उसका शत-प्रतिशत पालन करें ,लेकिन घबराए नहीं आप इस बात की भी चिंता ना करें कि मैं ठीक नहीं होगा या नहीं। हमेशा सकारात्मक सोच रखे की मै आज कल से बहुत अच्छा महसूस कर रहा/रही हूँ ।
आपके पास यदि बुक्स हैं तो बुक्स पढ़िए बुक्स नहीं है तो मोबाइल पर अच्छे-अच्छे वीडियोज जो सकारात्मक विचार वाले हो उनको देखिए-सुनिए अच्छे गाने सुनिए जो आपका हौसला बढ़ाने वाले हो, वो गाने सुनिए जो आपको पसंद हो , जो आपको अच्छा महसूस कराएं । भजन सुनिए यदि आप भजन के शौकीन है जो आपको ताकत दे ,आपको शक्ति दे
लेकिन इस दौरान इस बात का भी ख्याल रखें कि आपका जो रूटीन था जिसमें खाने ,सोने ,उठने और फिजिकल एक्टिविटी का उसको बदलने ना दे। आपके संक्रमित होने के पहले जो आपके उठने का समय था अब भी कोशिश कीजिए अभी भी उसी समय उठे हैं । उठने के बाद जो आपका रूटीन था उसको फॉलो कीजिए । यह सही है कि इस समय डॉक्टर के परामर्श के अनुसार आराम करने की ज्यादा जरूरत होती है लेकिन आराम भी उतना ही होना चाहिए जितना शरीर को जरूरत है
शरीर को भोजन एवम् दवाइयों के साथ-साथ उसको सकारात्मक ऊर्जा की भी जरूरत होती है । वह उसे देना जरूरी है । आपके जितने भी जगह आप उसमें प्राणायाम/ योगा कीजिए । चलने की जगह है तो चलिए भी । उसके अंदर ही आप खड़े रहिए चलते रहें यदि स्पेशल चलते रहिए। अपने खाने-पीने के बर्तन भी अंदर में खुद ही साफ करे।आपके अपने कपड़े भी खुद ही धो लें। आपको अच्छा लगेगा क्योंकि जितने समय आप ऐसी एक्टिविटी में अपने आप को व्यस्त रखेंगे उतना समय आपके दिमाग में कोरोना के नाम से जो नकारात्मक चीजें चल रही है उससे दूर रहेंगे ।साथ ही संक्रमण से अन्य को बचा सकते हैं।
आपको एक नया अनुभव होगा इस दौरान नकारात्मक विचारों वाले व्यक्ति चाहे वो परिवार का हो,मित्र हो,रिश्तेदार हो से कम ही बात करें।सोशल मीडिया से थोड़ा सतर्क रहने की जरूरत है। इस समय सोशल मीडिया में और अन्य जगहों पर नकारात्मकता फैलाने वाली खबरें भरपूर वायरल होती रहती हैं। जैसे आज शहर में फिर कोरोना ब्लास्ट, चारों तरफ हाहाकार ,न अस्पतालों मे बैड खाली और न श्मशान में जगह । दवाओं की किल्लत, डॉक्टरों का कहर जारी । मेरा रिक्वेस्ट है कि इस तरह की खबरों को मत पढ़िए यदि आप ऐसे किसी व्हाट्सएप ग्रुप में शामिल है जो इस तरह की घटनाओं का बखान करते है आप उन से हट जाएं ।
आप उन खबरों को देखना है कि जो कोरोना योद्धा के रूप मे स्वस्थ होकर लौटे है। जब हम संक्रमित होते हैं तो केवल डॉक्टर आपके पास आता है ,आपको चेक करते हैं ,आपका हौसला बढ़ाता है विश्वास दिलाता है कि आप ये कीजिए और यह न कीजिए । यदि किसी एक व्यक्ति से कोई गलती हो गई हो तो इसका मतलब यह तो नहीं कि पूरा डॉक्टर समूह ही खराब हो गया।ऐसे संकट में कुछ अव्यवस्था हो भी सकती है लेकिन हमको जो व्यवस्था अच्छी है उसको ही दिमाग में रखकर चलना है ।
यही सकारात्मकता आपको कोविड के कहर से बचाऐगी प्रतिदिन हजारों लोग स्वस्थ होकर घर लौट रहे है।आप भी वैसी ही तस्वीर मन मे बनाते रहे कि मैं भी जल्दी ही उनकी तरह घर जा रहा जहां मेरे प्रिय जन स्वागत के लिए दरवाजे पर खड़े है। हम इंसान जीतने ही जन्मे है, न कि हार मानने। यह वक्त भी गुजर जाएगा हर वक्त गुजारने के लिए ही होता है ,चिंता ना कीजिए ।

