टीकाकरण का लाभ समाज के विभिन्न वर्गों को समान रूप से मिलना चाहिए
06-मई,2021
रायपुर-{जनहित न्यूज़} छत्तीसगढ़ कोविड-19 के संक्रमण से बचने के लिए देशव्यापी टीकाकरण अभियान में 18 + के टीकाकरण के मामले में छत्तीसगढ़ प्रदेश की सरकार का ध्यान गरीब वर्ग की ओर है , यह निश्चित रूप से स्वागत योग्य है किंतु इस मामले में आरक्षण उचित नहीं
टीकाकरण का कार्य डब्ल्यूएचओ की गाइड लाइन के अनुसार ही होना चाहिए । टीकाकरण का लाभ समाज के विभिन्न वर्गों को समान रूप से मिलना चाहिए। इसमें किसी वर्ग विशेष को संरक्षित नहीं किया जा सकता है ।
टीकाकरण अभियान को सुचारू रूप से संचालित करने के लिए एक टीकाकरण केंद्र पर तीन काउंटर बनाए जा सकते है, जिनमें से एक में 18 प्लस वाले उन फ्रंटलाइन वर्कर्स का टीकाकरण हो जिनमें पत्रकार , पत्रकारिता से जुड़े तकनीकी कार्यकर्ता और हॉकर्स सम्मिलित हैं । दूसरे काउंटर में अंत्योदय कार्ड धारियों के टीकाकरण की व्यवस्था हो और तीसरे काउंटर पर शेष सभी को टीके लगाए जाएं । संभव हो तो टीकाकरण केंद्र दो ढाई किलोमीटर के दायरे में स्थापित हो ताकि टीकाकरण के लिए घर से निकले लोग कम से कम समय के लिए घर के बाहर रहें । इसके अतिरिक्त भी कोई अन्य उचित व्यवस्था की जा सकती है ।
राज्य हाईकोर्ट ने भी इस विषय पर स्वत:संज्ञान जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए सख्त निर्देश दिया है कि बीमारी अमीर गरीब देख कर नहीं आती है इसलिए टीकाकरण के संदर्भ में आर्थिक सामाजिक हैसियत ना देखें।
आवश्यकता।
इस बात की है कि टीकाकरण के मामले में शीघ्रीतिशीघ्र स्पष्ट नीति बनाकर उस पर काम शुरू किया जाए। यह भी सुनिश्चित करें कि एक भी टीका बर्बाद ना हो । समाचार माध्यमों के अनुसार 45+ और 60 + के टीकाकरण अभियान के दौरान बड़ी संख्या में टीके बर्बाद हुए।
डब्ल्यूएचओ ने टीकाकरण के लिए जो मानक निर्धारित किए हैं उनमें परिवर्तन का अधिकार किसी को नहीं। अत:डब्ल्यूएचओ की गाइडलाइन का पालन करते हुए स्पष्ट नीति बनाकर उसके अनुसार काम करना सरकार के लिए वैश्विक महामारी से पीड़ित मानवता के हित में होगा और एक लोकतांत्रिक सरकार के लिए आवश्यक भी।
समाज के प्रबुद्ध जन भी इस बात से सहमत हैं।



