
रैली के माध्यम से “फिटनेस का डोज़, आधा घंटा रोज़” की थीम को बढ़ावा देने स्वास्थ्य जागरूकता का दिया संदेश…
बिलासपुर, [जनहित न्यूज़] “फिटनेस का डोज़, आधा घंटा रोज़” की थीम को बढ़ावा देते हुए जिला पुलिस बिलासपुर द्वारा वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक रजनेश सिंह के मार्गदर्शन में 6 अप्रैल 2025 को एक भव्य साइकिल रैली का आयोजन किया गया। यह रैली पुलिस ग्राउंड बिलासपुर से प्रारंभ होकर शहर के प्रमुख मार्गों से गुजरते हुए स्वास्थ्य जागरूकता का संदेश लेकर निकाली गई।
यह आयोजन केंद्र सरकार के “खेलो इंडिया योजना” एवं “फिट इंडिया पहल” के अंतर्गत केंद्रीय युवा मामले एवं खेल मंत्रालय तथा श्रम एवं रोजगार मंत्रालय के निर्देशानुसार किया गया। “The Sunday on Cycle” अभियान के तहत आयोजित इस रैली का उद्देश्य आम जनमानस में फिटनेस के प्रति जागरूकता फैलाना तथा दैनिक जीवन में व्यायाम को शामिल करने के लिए प्रेरित करना रहा।
रैली में जिला बल, सीएएफ (2nd वाहिनी सकरी) और नगर सेना के अधिकारी-
कर्मचारी सक्रिय रूप से शामिल हुए। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक रजनेश सिंह ने इस अवसर पर उपस्थित अधिकारियों, जवानों, नागरिक संगठनों और आम नागरिकों को संबोधित करते हुए कहा,
“स्वस्थ शरीर और सशक्त मन के लिए हमें अपनी दिनचर्या में व्यायाम को शामिल करना चाहिए। चाहे वह साइक्लिंग हो, रनिंग हो या वॉकिंग प्रतिदिन कम से कम 30 मिनट शारीरिक गतिविधियों के लिए जरूर निकालें। इससे न केवल हम ओवरइटिंग से बच सकते हैं, बल्कि पाचन और अन्य स्वास्थ्य समस्याओं से भी दूर रह सकते हैं।”
यह साईकिल रैली पुलिस ग्राउंड से आरंभ होकर अग्रसेन चौक – सीएमडी चौक – पुराना बस स्टैंड – तेलीपारा रोड – कोतवाली – गोलबाजार – सिम्स चौक – देवकीनंदन चौक – नेहरू चौक – अंबेडकर चौक होते हुए पुनः पुलिस ग्राउंड में समाप्त हुआ।
इस अवसर पर एसएसपी रजनेश सिंह के अलावा अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (यातायात) रामगोपाल करियारे, उप पुलिस अधीक्षक रोशन आहूजा, दूसरी वाहिनी के सहायक सेनानी हरिलाल ध्रुव, रक्षित निरीक्षक भूपेन्द्र कुमार गुप्ता सहित कई अन्य अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित रहे।
लगभग 200 से अधिक अधिकारी, कर्मचारी एवं नागरिकगण रैली में सम्मिलित हुए। रैली हेतु ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन की सुविधा उपलब्ध कराई गई थी, जिसके माध्यम से सभी प्रतिभागियों को डिजिटल प्रमाण पत्र भी प्रदान किया गया।
यह साइकिल रैली न केवल एक स्वास्थ्य जागरूकता अभियान रही, बल्कि एक प्रेरणास्रोत भी बनी कि “फिट रहना है तो चलना है, साइकिल चलाना है।”