शासकीय नौकरी के नाम पर करोड़ों ऐंठने वाले फर्जी ठग गिरोह का पर्दाफ़ाश… तखतपुर पुलिस की बड़ी कार्रवाई…!
बिलासपुर-[जनहित न्यूज़] तखतपुर पुलिस ने एक बड़े फर्जीवाड़े का पर्दाफाश करते हुए शासकीय नौकरी दिलाने के नाम पर 43 लाख रुपये की ठगी करने वाले गिरोह को गिरफ्तार किया है। खास बात यह रही कि इस मामले में सिर्फ ठगी करने वाले ही नहीं, बल्कि ठगी का शिकार बनने वाले यानी पैसे देकर नौकरी पाने की कोशिश करने वाला भी कानून के शिकंजे में आया है।
आइए जानते है क्या है पूरा मामला…?
आवेदक सूर्यकांत जायसवाल ने अपने दो पुत्रों और एक पुत्री को खाद्य निरीक्षक, हॉस्टल अधीक्षक व पटवारी जैसे सरकारी पदों पर भर्ती कराने के लिए 08 फरवरी 2022 से 05 जून 2023 तक 43 लाख रुपये की भारी रकम किस्तों में अनीश राजपूत, विष्णु राजपूत और जावेद खान को दी।
शिकायत की जांच में यह स्पष्ट हुआ कि सूर्यकांत जायसवाल ने बिना किसी वैधानिक प्रक्रिया का पालन किए, फर्जी तरीके से शासकीय नौकरी खरीदने का प्रयास किया जो स्वयं एक दंडनीय अपराध है।

दोनों पक्ष दोषी, पुलिस की निष्पक्ष कार्रवाई
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक रजनेश सिंह (IPS) के निर्देश और एएसपी अर्चना झा, एसडीओपी भारती मरकाम के मार्गदर्शन में तखतपुर पुलिस ने त्वरित कार्यवाही करते हुए सभी दोषियों को गिरफ्तार कर ज्यूडिशियल रिमांड पर भेज दिया।

दर्ज अपराध:
अपराध क्रमांक – 330/2024
धारा – 420, 34 भादवि
गिरफ्तार आरोपी…
1. विष्णु प्रसाद राजपूत (67) – निगारबंद, तखतपुर
2. सीमा सोनी (29) – विनोबा नगर, सिविल लाइन
3. सूर्यकांत जायसवाल (55) – बरेला, जरहागांव (फर्जी नौकरी खरीदने वाला)
प्रकरण का एक अन्य आरोपी जावेद खान उर्फ राजा पहले से ही धोखाधड़ी के अन्य केस में जेल में बंद है।
सरकारी नौकरी कोई बिकने वाली चीज़ नहीं है। अगर आप पैसे देकर या गलत रास्ते अपनाकर नौकरी पाने की कोशिश करते हैं, तो सिर्फ आप ठगे नहीं जाएंगे आप भी कानूनन अपराधी बन सकते हैं।
ऐसे मामलों में नौकरी देने वाला और खरीदने वाला दोनों ही दोषी होते हैं!
यह युवाओं के भविष्य से विश्वासघात है, और प्रतिभाशाली अभ्यर्थियों के साथ अन्याय भी।
पुलिस की सख्त चेतावनी…
> “नौकरी सिर्फ योग्यता और मेहनत से मिलेगी, रिश्वत से नहीं। कोई भी व्यक्ति अगर शासकीय नौकरी दिलाने का दावा करता है, तो सतर्क हो जाएं वह ठग हो सकता है।”
अगर आपके पास इस तरह के फर्जीवाड़े की जानकारी हो तो तुरंत नजदीकी थाना या पुलिस हेल्पलाइन पर सूचना दें।
आपकी जागरूकता किसी बड़े अपराध को रोक सकती है।

