“नशा मुक्त भारत पखवाड़ा” के तहत कार्रवाई गिरोह का मुख्य सरगना बिहार से पिस्टल, कारतूस सहित गिरफ्तार…!
मुंगेली-{जनहित न्यूज़} भारत सरकार के “नशा मुक्त भारत पखवाड़ा” अभियान के तहत मुंगेली पुलिस ने नशे के विरुद्ध अब तक की सबसे बड़ी और ऐतिहासिक सफलता हासिल की है। पुलिस अधीक्षक भोजराम पटेल (भा.पु.से.) के कुशल नेतृत्व और रणनीतिक निर्देशन में ब्राउन शुगर तस्करी के अंतरराज्यीय नेटवर्क का खुलासा करते हुए मुख्य सरगना को बिहार के सासाराम से गिरफ्तार किया गया है।
इस कार्रवाई ने न केवल छत्तीसगढ़ बल्कि पूरे पूर्व भारत में फैले एक संगठित नशा तस्कर गिरोह की जड़ों को हिलाकर रख दिया है।
तस्करों की गिरफ़्तारी और नेटवर्क का खुलासा मुंगेली पुलिस की साइबर सेल और सिटी कोतवाली की संयुक्त टीम ने पुलपारा क्षेत्र से 30 ग्राम ब्राउन शुगर कीमती ₹1.5 लाख के साथ दो तस्करों
1. लक्की उर्फ अवि पाठक (22 वर्ष)
2. दीपक विश्वकर्मा (20 वर्ष)
को रंगे हाथों गिरफ्तार किया। पूछताछ के दौरान दोनों ने खुलासा किया कि वे ब्राउन शुगर की खेप सासाराम, बिहार के करन बिंद से मंगवाते थे। मुख्य सरगना की गिरफ्तारी… सासाराम से दबोचा गया।
करन बिंद तकनीकी साक्ष्यों के आधार पर मुंगेली पुलिस की टीम ने त्वरित कार्रवाई करते हुए आरोपी करन कुमार बिंद पिता सुरेन्द्र निषाद बिंद (निवासी नया बस स्टैंड, बनरसिया, थाना मुफ्फसिया, सासाराम, जिला रोहतास, बिहार) को 30 जून 2025 को बिहार से गिरफ्तार किया।

करन बिंद के पास से जब्त
1 पिस्टल
2 मैगजीन
11 जिंदा कारतूस
2 मोबाइल फोन
जब्त किए गए। आरोपी को न्यायिक रिमांड पर भेज दिया गया है। ऑपरेशन में रहे ये अधिकारी अग्रिम मोर्चे पर इस अभूतपूर्व अभियान में निम्न अधिकारियों और जवानों की भूमिका उल्लेखनीय रही उप निरीक्षक गिरीजाशंकर यादव (थाना प्रभारी सिटी कोतवाली) उप निरीक्षक सुशील कुमार बंछोर (प्रभारी साइबर सेल) उप निरीक्षक नंदलाल पैकरा, सउनि ईश्वर सिंह राजपूत प्रआर रवि जांगड़े, आरक्षक भेषज पाण्डेकर, महेन्द्र सिंह ठाकुर, विकास ठाकुर, रामकिशोर कश्यप, बसंत डाहिरे एसपी भोजराम पटेल का बयान “नशे के कारोबार से जुड़ी हर कड़ी को तोड़ना हमारी प्राथमिकता है। ऑपरेशन ‘बाज’ और ‘नशा मुक्त भारत पखवाड़ा’ केवल अभियान नहीं, जन-सुरक्षा की संकल्पना है। हम राज्य की सीमाओं से परे जाकर भी ऐसे अपराधियों को न्याय के कटघरे में लाते रहेंगे।” यह कार्रवाई नशे के विरुद्ध मुंगेली पुलिस की जीरो टॉलरेंस नीति का स्पष्ट प्रमाण है। इस केस को छत्तीसगढ़ पुलिस के इतिहास में नशे के खिलाफ सबसे बड़ी और दूरगामी कार्रवाई के तौर पर दर्ज किया जा रहा है।

