शिकायत के बाद थाना सरकंडा की कार्रवाई…
बिलासपुर-{जनहित न्यूज़} भारतीय सेना में कार्यरत जवान को मल्टी मिलियन डॉलर प्रोजेक्ट और माइक्रोसॉफ्ट लाइसेंस का झांसा देकर 3 लाख रुपए की ठगी करने वाले आरोपी की मां को सरकंडा पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। यह मामला तब सामने आया जब ठगी का शिकार हुआ जवान, धोखे और धमकियों से परेशान होकर उच्चाधिकारियों के पास पहुँचा और लिखित शिकायत दर्ज करवाई।
मामला जितना तकनीकी है, उतना ही चौंकाने वाला भी। आरोपी राजू साहू, जो खुद कभी भारतीय सेना में कार्यरत रह चुका है, ने अपने पुराने सैन्य साथी सोमेश सिंह से संपर्क साधा। फोन पर लगातार बातचीत के जरिए उसने सोमेश को यह यकीन दिलाया कि वह इस वक्त माइक्रोसॉफ्ट के एक मल्टी मिलियन डॉलर प्रोजेक्ट में काम कर रहा है और वहाँ अच्छे वर्कर्स की ज़रूरत है।
सेना में सेवा के चलते स्वयं काम करने में असमर्थ सोमेश ने जब इनकार किया, तो राजू ने उसे अपने किसी रिश्तेदार के नाम से जुड़ने का झांसा दिया। झांसे में आकर सोमेश ने किस्तों में कुल 3 लाख और जिसमे 1.5 लाख आरोपी की मां ईश्वरी साहू के ICICI बैंक खाते में ट्रांसफर कर दिए।
धीरे-धीरे जब प्रोजेक्ट और लाइसेंस की बात सिर्फ़ आश्वासन बनकर रह गई, तब सोमेश को ठगे जाने का एहसास हुआ। लेकिन जब उसने पैसे की वापसी की मांग की, तो उसे धमकियां मिलने लगीं की पाकिस्तान के एकाउंट से पैसे ट्रांसफर कर दूँगा, कहीं के नहीं रहोगे जैसी बातें कहकर आरोपी ने डराने का प्रयास किया।
जवान सोमेश ने अंततः बिलासपुर वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक रजनेश सिंह को पूरे मामले से अवगत कराया। तत्काल कार्रवाई के निर्देश दिए गए। अति. पुलिस अधीक्षक राजेन्द्र जायसवाल, नगर पुलिस अधीक्षक सिद्धार्थ बघेल एवं थाना प्रभारी निरीक्षक निलेश पांडे के नेतृत्व में विशेष टीम गठित कर आरोपी के ईमलीभाठा स्थित निवास पर दबिश दी गई।
आरोपी राजू साहू तो फरार निकला, लेकिन पूछताछ में उसकी मां ईश्वरी साहू ने यह स्वीकार किया कि ₹1.5 लाख की रकम उसके खाते में आई थी। उसने बताया कि उसका बेटा दिल्ली में ऑनलाइन मार्केटिंग करता है और उसी का पैसा उसके खाते में आया था।
पुलिस ने मामले में पर्याप्त साक्ष्य मिलने के बाद ईश्वरी साहू को गिरफ्तार कर लिया है। जबकि मुख्य आरोपी राजू साहू की तलाश जारी है। मामला अप.क्र. 1003/2025 धारा 318(4) बीएनएस एवं 66(डी) आईटी एक्ट के तहत दर्ज कर अग्रिम विवेचना की जा रही है।

ठगी की इस हाईटेक कहानी में जहां विश्वास का फायदा उठाया गया, वहीं डिजिटल ट्रेल ने पुलिस को जल्द कार्रवाई में सहायता की। आरोपी की गिरफ्तारी से इस तरह के साइबर फ्रॉड के खिलाफ कड़ा संदेश गया है।

