एस.पी. भोजराम पटेल के नेतृत्व में पुलिस को मिली ऐतिहासिक सफलता…!
“झाड़-फूंक के नाम पर मासूम की बलि!” लाली हत्याकांड…! सनसनीखेज मामले का हुआ खुलासा….!
मुंगेली-{जनहित न्यूज़} मुंगेली जिले से हर किसी के रौंगटे खड़े कर देने वाली एक ऐसी खबर आई तंत्र-मंत्र, झाड़-फूंक और पैसे की हवस में इंसानियत को शर्मसार कर देने वाला एक खौफनाक राज़ पुलिस की मेहनत से सामने आया है। 7 साल की मासूम लाली (महेश्वरी गोस्वामी) के अपहरण और हत्या के इस जघन्य अपराध का खुलासा बिलासपुर रेंज के पुलिस महानिरीक्षक डॉ. संजीव शुक्ला के निर्देशन और मुंगेली एसपी भोजराम पटेल के कुशल मार्गदर्शन में हुआ। इस प्रकरण में पुलिस ने 5 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है।
यह सिर्फ एक हत्या नहीं, बल्कि अंधविश्वास और लालच की ऐसी खतरनाक साजिश थी, जिसने पूरे छत्तीसगढ़ को झकझोर कर रख दिया।

झरन पूजा की क्रूरता एक मासूम की जान के बदले अमीर बनने का सपना ग्राम कोसाबाड़ी में रहने वाली 7 साल की लाली 11 अप्रैल की रात अपने घर से रहस्यमय तरीके से गायब हो गई थी। जब सुबह परिजन उठे तो बच्ची बिस्तर से गायब थी। गांव वालों और पुलिस की सघन तलाश के बाद, 6 मई को खेत में एक खोपड़ी और मानव अस्थियां मिलीं, जो बाद में डीएनए जांच से लाली की ही निकलीं।
इस घटना के पीछे का सच जब सामने आया, तो पुलिस अफसरों के भी रोंगटे खड़े हो गए। ‘झरन पूजा’ के नाम पर इस मासूम की बलि दी गई थी। आरोपियों ने यह कृत्य धन लाभ और झाड़-फूंक से पैसा कमाने की हवस में किया।
एसपी भोजराम पटेल की सूझबूझ और टीम की मेहनत रंग लाई।
जैसे ही मामले की गंभीरता स्पष्ट हुई, एसपी भोजराम पटेल ने स्वयं मोर्चा संभालते हुए तत्काल विशेष टीम गठित की, जिसमें एएसपी नवनीत कौर छाबड़ा, डीएसपी नवनीत पाटिल, और लोरमी थाना प्रभारी अखिलेश वैष्णव सहित साइबर सेल, नार्को जांच और मेडिकल विशेषज्ञों की मदद ली गई।
ग्रामीणों से गहन पूछताछ, सीसीटीवी फुटेज, साइबर इनपुट, ब्रेन मैपिंग, नार्को टेस्ट सहित हर स्तर पर जांच हुई। परिणामस्वरूप यह चौंकाने वाली साजिश सामने आई।
पैसे और अंधविश्वास के प्यासे दरिंदे
जिन पर लाली को सुरक्षित रखने की जिम्मेदारी थी, वही उसके कातिल निकले।

गिरफ्तार आरोपी..
1. चिम्मन गिरी गोस्वामी (40) चाचा, बैगा पूजा करता था।
2. ऋतु गोस्वामी (36) चिम्मन की पत्नी, लालच और वर्चस्व की भूखी।
3. नरेन्द्र मार्को (21) बच्ची को अगवा कर लाने वाला।
4. रामरतन निषाद (45) झाड़-फूंक में सहयोगी, तथाकथित बैगा।
5. आकाश मरावी (21) शव को दफनाने में मदद।
सबसे हैरान करने वाला तथ्य यह कि लाली की मां पुष्पा को भी इस अंधविश्वासी प्रक्रिया की जानकारी थी, लेकिन उसने अपनी बेटी को खोने के डर से अंतिम वक्त पर पीछे हटने की कोशिश की।
मासूम की कुर्बानी से बेनकाब हुआ झूठा तंत्र-मंत्र का जाल-:
पूरे घटनाक्रम में तथाकथित झरन पूजा को केंद्र में रखकर बालिका की बलि दी गई। आरोपियों ने माना कि उन्होंने रात 1 बजे लाली को अगवा कर श्मशान के पास झाड़-फूंक के लिए ले जाकर चाकू से उसकी हत्या कर दी और फिर शव को खेत में गाड़ दिया।
नार्को टेस्ट से यह भी खुलासा हुआ कि आरोपी ऋतु ने पूजा के लिए काला कपड़ा पहनाकर लाली को तैयार किया था, और पकड़े जाने से बचने के लिए आकाश से शव दफनाने को कहा।

एसपी भोजराम पटेल की नेतृत्व क्षमता ने दिलाया न्याय इस पूरे केस में एसपी भोजराम पटेल ने जिस संवेदनशीलता, दृढ़ संकल्प और निर्णय क्षमता का परिचय दिया, वह सराहनीय है। उन्होंने हर पहलू पर बारीकी से नजर रखते हुए न सिर्फ वैज्ञानिक साक्ष्य जुटाए, बल्कि अंधविश्वास की आड़ में चल रही एक खतरनाक प्रवृत्ति को भी उजागर किया।
इस कार्यवाही में राजस्व, पुलिस, साइबर सेल सहित सभी विभागों ने जिस सामंजस्य और टीमवर्क का प्रदर्शन किया, वह छत्तीसगढ़ पुलिस के लिए मिसाल है।
अंततः इंसाफ की जीत
26 जुलाई 2025 को सभी 5 आरोपी गिरफ्तार कर न्यायिक रिमांड पर जेल भेज दिए गए हैं। इस केस ने यह संदेश दिया कि चाहे अपराध कितना भी रहस्यमय, गहरा और भयानक क्यों न हो, कानून के हाथ बहुत लंबे होते हैं।
“लाली” अब भले ही इस दुनिया में नहीं, पर उसकी कुर्बानी से कई मासूमों को मिलेगा सुरक्षा का विश्वास।
यह मामला समाज को अंधविश्वास से बाहर निकालने पुलिस पर आस्था बढ़ाने, और झाड़-फूंक जैसे कृत्यों को जड़ से खत्म करने की जरूरत की ओर सशक्त संदेश देता है।

