एसीसीयू टीम के साथ अनुभवी टी.आई. प्रदीप आर्या की सटीक रणनीति से 30 किलो गांजा..ढाई लाख नगद सहित महराजिन गांजा तस्कर गैंग के चार सदस्य गिरफ़्तार…
बिलासपुर{जनहित न्यूज़}बिलासपुर वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक रजनेश सिंह के मार्गदर्शन और एसीसीयू टीम तथा थाना सकरी के अनुभवी प्रभारी प्रदीप आर्या की सटीक रणनीति ने एक बार फिर गांजा तस्करों के नेटवर्क को ध्वस्त कर दिया। ऑपरेशन प्रहार के तहत उड़ीसा से बिलासपुर लाया जा रहा 30 किलो गांजा जब्त करते हुए पुलिस ने चार तस्करों को गिरफ्तार किया है। जप्त की गई सामग्री की कुल कीमत लगभग ₹20,34,000 आँकी गई है।
कैसे हुआ खुलासा:
31 जुलाई की रात पुलिस को मुखबिर से सूचना मिली कि सकरी थाना क्षेत्र के चोरभट्ठी खुर्द निवासी कांति पाण्डेय और उसका पुत्र गिरीशचंद पाण्डेय उड़ीसा से भारी मात्रा में गांजा मंगाकर अपनी कार में रख रहे हैं। तत्काल छापेमारी कर पुलिस ने दोनों को नीली बलेनो कार में गांजा रखते हुए रंगे हाथ पकड़ लिया।
पूछताछ में दोनों ने कबूल किया कि उड़ीसा के दीपक गण्डा और दिलेश्वर नायक गांजा लेकर आए थे, जिन्हें 2.50 लाख नगद देकर वापस भेजा गया। पुलिस ने घेराबंदी कर दोनों उड़ीसा तस्करों को सफेद आर्टिगा कार सहित रास्ते में ही पकड़ लिया।
बरामदगी कुल 30 किलो गांजा
दो कार (नीली बलेनो व सफेद आर्टिगा)
2,50,000 नगद तीन मोबाइल फोन
कुल जप्त संपत्ति मूल्य लगभग 20.34 लाख आँका गया। सभी आरोपियों के विरुद्ध एनडीपीएस एक्ट के तहत अपराध पंजीबद्ध कर न्यायिक रिमाण्ड पर भेजा गया।
गिरफ्तार आरोपी

- श्रीमती कांति पाण्डेय उर्फ महाराजिन (46 वर्ष) निवासी चोरभट्ठी खुर्द
- गिरीशचंद पाण्डेय (30 वर्ष) निवासी चोरभट्ठी खुर्द
- दिलेश्वर नायक (35 वर्ष) – निवासी जिला बरगढ़, उड़ीसा
- दीपक गण्डा (28 वर्ष) – निवासी जिला बरगढ़, उड़ीसा
क्यों हर बार जुड़ते हैं उड़ीसा के तार?
लगातार हो रही कार्रवाई एक चौंकाने वाली हकीकत उजागर करती है बिलासपुर में पकड़े जाने वाले अधिकतर
गांजा तस्करी के मामलों के तार उड़ीसा से जुड़ते हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि उड़ीसा के दूरस्थ क्षेत्रों में अवैध रूप से उगाई जा रही गांजा की फसलें तस्करों के लिए सुरक्षित ठिकाना बनी हुई हैं। आसान सड़क संपर्क और तेज़ वाहनों की उपलब्धता इसे छत्तीसगढ़ तक पहुंचाने का मुख्य मार्ग बनाती है।
पुलिस की सक्रिय टीम
इस कार्रवाई में थाना प्रभारी निरीक्षक प्रदीप आर्य, एसीसीयू निरीक्षक अजहरुद्दीन खान, सउनि सुरेन्द्र तिवारी, आरक्षक पवन बंजारे, कृष्ण कुमार मार्को, मालती तिवारी, देवमुन पुष्प, महादेव कुजुर और निखिल जाधव की महत्वपूर्ण भूमिका रही।

