गेमर्स कम्प्यूटर दुकान से चालीस हजार का इलेक्ट्रॉनिक सामान पार…
‘क्रिमिनल माइंडसेट’ समाज के लिए गंभीर चिंता का विषय…!
बिलासपुर-[जनहित न्यूज़] न्यायधानी में नाबालिकों द्वारा चोरी की वारदातें पुलिस और समाज दोनों के लिए चेतावनी बनती जा रही हैं। ताज़ा मामला सरकण्डा क्षेत्र का है, जहां दो नाबालिकों ने चोरी की एक सुनियोजित योजना बनाकर गेमर्स कम्प्यूटर दुकान से 40,000 रुपए का इलेक्ट्रॉनिक सामान पार कर दिया। सवाल यह है कि मासूम उम्र में अपराध की यह ट्रेनिंग बच्चों तक पहुँच ही कैसे रही है…?
घटना का खुलासा:
प्रार्थी इंदल सिंह गुरु निवासी बंधवापारा सरकण्डा ने पुलिस को रिपोर्ट दी कि 26 जुलाई की रात करीब 11 बजे वह अपनी गेमर्स कम्प्यूटर दुकान का ताला लगाकर घर गया। अगली सुबह जब कर्मचारी दुकान खोलने पहुँचा तो ताला टूटा हुआ था और अंदर से एक सीपीयू, प्लेस्टेशन और अन्य इलेक्ट्रॉनिक सामान गायब था। चोरी का कुल मूल्य करीब 40,000 रुपये आंका गया।
सीसीटीवी और मुखबिर ने दिलाई कामयाबी
सरकण्डा पुलिस ने तुरंत अपराध पंजीबद्ध कर जांच शुरू की। आसपास लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगालने और मुखबिर की मदद से पता चला कि डबरीपारा के दो नाबालिक ही चोरी के मास्टरमाइंड हैं। पुलिस टीम ने उन्हें परिजनों सहित तलब कर पूछताछ की, जहां उन्होंने वारदात कबूल करते हुए चोरी किया गया पूरा सामान बरामद करा दिया।
किशोर न्यायालय की चौखट पर मासूम अपराधी
दोनों नाबालिकों को विधिवत किशोर न्याय बोर्ड के समक्ष पेश किया गया और अप.क्र. 1022/2025 धारा 331(4), 305(ए) बीएनएस के तहत मामला दर्ज किया गया। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि बच्चों की यह ‘क्रिमिनल माइंडसेट’ समाज के लिए गंभीर चिंता का विषय है।
चेतावनी भरा सामाजिक संदेश:
यह घटना सिर्फ एक चोरी का मामला नहीं, बल्कि यह बड़ा सवाल खड़ा करती है।
आखिर नाबालिकों तक अपराध की ये ‘ट्रेनिंग’ पहुँच कहाँ से रही है…?
मोबाइल गेम्स, इंटरनेट और सोशल मीडिया क्या इन्हें अपराध की दुनिया में धकेल रहे हैं..?
और क्या अभिभावक अपने बच्चों की गतिविधियों पर पर्याप्त निगरानी रख रहे हैं?
सरकण्डा पुलिस ने भी अपील की है कि अभिभावक अपने बच्चों की संगत और ऑनलाइन गतिविधियों पर ध्यान दें, क्योंकि छोटी सी लापरवाही उनके भविष्य को अंधेरे में धकेल सकती है।

