
रामलला मंदिर
निर्माण के लिए निर्धारित की गई तिथि किसी भी धार्मिक कार्य की शुरुआत के लिए शुभ मुहूर्त नहीं
25-july,2020
बिलासपुर-[जनहित न्यूज़] पवित्र धाम अमरकंटक की पावन धरा पर माँ नर्मदा की तट पर परम् धर्म सांसद श्रीधर शर्मा ने मोदी सरकार पर धार्मिक कार्यों में दखलंदाजी करने का गंभीर आरोप लगाया है। श्रीधर शर्मा अभी हाल ही में परम् धर्म सांसद शहडोल चुने गए थे और श्री स्वरूपानंद सरस्वती महाराज स्वामी जी के परम शिष्य हैं। आगामी 5 अगस्त को अयोध्या में राजाराम की जन्मभूमि पर राम मंदिर का निर्माण कार्य प्रारंभ किया जाना सुनिश्चित किया गया है, जिसमे माननीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी भी शिरकत करेंगे और राम मंदिर निर्माण के शुभ कार्य में प्रथम ईंट रखकर इस शुभ कार्य की नींव रखेंगे। हालांकि किसी भी देश में किसी भी शुभ कार्य के लिए राजा का प्रथम अधिकार होता है और किसी भी कार्य को राजा के हांथो शुरू किया जाना शुभ माना जाता है, कारण कि किसी देश का राजा उस देश की प्रजा के लिए देव तुल्य होता है लेकिन आदि आदि काल से ऐसी प्रथा चली आ रही है कि सनातन धर्म व संस्कृति की रक्षा के लिए राजा व क्षत्रिय कदम उठाए और सच्चाई की विजयश्री प्राप्त होने के उपरांत धार्मिक कार्यों और अनुष्ठानों के लिए धर्माचार्यों की सलाह लेकर शुभ मुहूर्त व उचित बेला देखकर कार्य का शुभारंभ किया गया। अयोध्या में राम लला के मंदिर का निर्माण होना सनातन धर्म व संस्कृति के लिए उल्लेखनीय उपलब्धि है लेकिन इस शुभ कार्य में समस्त पीठ के पीठाधीश्वर और शंकराचार्यों को स्थान देकर उनके आशीर्वाद व सलाह से शुभ घड़ी में इस पावन अवसर को एक पर्व के रूप में प्रारंभ किया जाना चाहिए।

सनातन धर्म की रक्षा के लिए इन समस्त शंकराचार्यों को प्राथमिकता देना अत्यंत आवश्यक व महत्वपूर्ण है। इन धर्माचार्यों की उपेक्षा करना निंदनीय है। धार्मिक कार्यों के लिए सनातन धर्म की रक्षा के लिए बनाए गए पीठ के पीठाधीश्वर और जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी जी से राम लला के मंदिर निर्माण की तिथि निर्धारण के विषय में विचार किया जाना चाहिए था और राम मंदिर निर्माण कमेटी में इनका स्थान सर्वोपरि होना चाहिए।श्रीधर शर्मा ने इस धार्मिक कार्यशैली की कड़ी आलोचना की है।
सरकार को धार्मिक कार्यों में दखल नहीं देना चाहिए
अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण के लिए सरकार ने जो पहल की है और जो उपलब्धि हासिल की है, उसके लिए हम सदा हम सभी सरकार के आभारी हैं और सरकार की उपलब्धि और सनातन धर्म की रक्षा के लिए किए गए प्रयासों की हम सभी राम भक्त सरकार की सराहना करते हैं। धार्मिक कार्यों के लिए धर्माचार्यों के धार्मिक मार्गदर्शन की आवश्यकता होती है और हम इस शुभ कार्य में इनकी उपेक्षा न करते हुए सरकार की धार्मिक नीति पर सवालिया निशान लगाने के लिए मजबूर हैं।राम लला के मंदिर निर्माण के लिए सरकार के द्वारा लिया गया वर्तमान फैसला सही नहीं है और इसकी हम घोर निंदा करते हैं।सरकार को किसी भी धर्म में उनके धार्मिक कार्यों में दखल देने का कोई अधिकार नहीं है।
स्वामी जी श्री स्वरूपा नंद सरस्वती जी महाराज और दांडी स्वामी अभिमुक्तेश्वरानंद महाराज के अनुसार मंदिर निर्माण के लिए निर्धारित की गई तिथि में किसी भी धार्मिक कार्य और शुरुआत के लिए शुभ मुहूर्त नहीं है।राम मंदिर निर्माण कार्य सनातन धर्म व संस्कृति से जुड़ा हुआ एक ऐतिहासिक और महत्वपूर्ण कार्य है, जिसके लिए उत्तरायण और दक्षिणायन का, शुभ मुहूर्त और शुभ घड़ी का विशेष महत्व है और इन सभी विषयों पर विचार किए बिना कोई भी धार्मिक कार्य फलदायी नही होता है।
श्रीधर शर्मा ने कहा कि स्वामी जी ने यदि इस विषय पर प्रश्न चिन्ह लगाया है तो निश्चित रूप से इस विषय पर विचार किया जाना चाहिए और सनातन धर्म के इस शुभ कार्य में धर्माचार्यो को स्थान देकर उनके सान्निध्य में सफलतापूर्वक संपन्न कराया जाना चाहिए।धर्माचार्यों की उपेक्षा निंदनीय है और यदि समय रहते इस पर विचार नहीं किया गया तो स्वामी जी के आदेशानुसार हम इस पर कुछ आवश्यक पहल करने पर भी विवश हो सकते हैं।

